दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने शुक्रवार को अपना संकल्प पत्र जारी किया। इसमें महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने और गर्भवती महिलाओं को 21 हजार रुपये की सहायता प्रदान करने जैसे कई वादे किए गए हैं। इस पर आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने तंज कसा और कहा कि भाजपा ने उनके वादों की नकल की है, क्योंकि उनके पास खुद का कोई स्पष्ट विजन नहीं है।
प्रधानमंत्री से अनुमति लेकर आगे बढ़े भाजपा अध्यक्ष?
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष ने अपने संकल्प पत्र में कई फ्री योजनाओं की घोषणाएं की हैं। क्या इन घोषणाओं के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुमति ली है? प्रधानमंत्री ने बार-बार कहा है कि फ्री सुविधाएं देना देश के लिए ठीक नहीं है और केजरीवाल की मुफ्त योजनाएं गलत हैं। लेकिन अब भाजपा अध्यक्ष ने भी घोषणा की है कि वे केजरीवाल की तरह फ्री योजनाएं लागू करेंगे। प्रधानमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यह उनकी सहमति से हो रहा है। उन्हें यह भी कहना चाहिए कि यदि पहले उन्होंने केजरीवाल के बारे में गलत कहा था, तो अब वे इसे सही मानते हैं और फ्री योजनाओं को भगवान का प्रसाद मानते हैं। मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वे यह स्वीकार करें।
जब नीतियां हमारी हैं, तो भाजपा क्यों?
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अरविंद केजरीवाल ने भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें खुलकर यह स्वीकार करना चाहिए कि केजरीवाल की मुफ्त योजनाएं सही थीं। उन्होंने भाजपा से सवाल किया कि उनके घोषणापत्र में केवल वही वादे शामिल हैं, जो आम आदमी पार्टी पहले से ही लागू कर चुकी है। अगर भाजपा वही सब करने जा रही है जो केजरीवाल पहले से कर रहे हैं, तो फिर भाजपा की आवश्यकता ही क्या है? केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि उनके काम को वे खुद बेहतर तरीके से कर रहे हैं।
सच से कोसों दूर है भाजपा का घोषणापत्र
अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के घोषणापत्र में दिल्ली की कानून व्यवस्था का जिक्र न होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह संकल्प पत्र झूठ और खोखले वादों का पुलिंदा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने केवल उन्हीं योजनाओं को दोहराया है, जिन्हें वे पहले भी पूरा करने में नाकाम रहे हैं। केजरीवाल ने यह दावा भी किया कि भाजपा के घोषणापत्र में मोहल्ला क्लीनिक को बंद करने की बात की गई है। उन्होंने कहा कि वे दिल्ली के हर इलाके में जाकर जनता से पूछेंगे कि वे मोहल्ला क्लीनिक जारी रखना चाहते हैं या नहीं।