ISRO Spadex Satellites Docking Mission : भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर तय करने के लिए तैयार है। भारत अब स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (Spadex) को सफलतापूर्वक अंजाम देने की ओर बढ़ रहा है। इस मिशन के तहत दोनों स्पेसक्राफ्ट एक-दूसरे के 3 मीटर करीब आ चुके हैं, और अब ISRO जल्द ही इन दोनों की फाइनल डॉकिंग करने पर निर्णय लेगा।
अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत बनेगा चौथा देश
इसरो की सफलता का परिणाम यह होगा कि भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद स्पेस डॉकिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इसरो ने इस प्रक्रिया को शुरू करते हुए दोनों स्पेसक्राफ्ट को पहले 15 मीटर की दूरी तक लाया और अब उन्हें 3 मीटर तक लाकर डॉकिंग के परीक्षण के अंतिम चरण में प्रवेश किया है। इस प्रक्रिया के दौरान दोनों स्पेसक्राफ्ट को एक-दूसरे से दूर भी किया जा रहा है, ताकि डॉक-अनडॉक की क्षमता का परीक्षण किया जा सके।
दो बार टला था स्पेस डॉकिंग, अब मिली सफलता
स्पैडेक्स मिशन के तहत भेजे गए दो सैटेलाइट, SDX01 (चेजर) और SDX02 (टारगेट), पहले दो प्रयासों में डॉकिंग में असफल रहे थे। पहले 7 जनवरी को इसे टाला गया था क्योंकि स्पीड अधिक होने के कारण हवा का रुख बदल गया था। फिर 9 जनवरी को भी डॉकिंग में रुकावट आई, लेकिन अब ISRO ने 3 मीटर की दूरी पर इन दोनों अंतरिक्ष यानों को सफलतापूर्वक पहुंचाया है।
स्पैडेक्स मिशन का सफलता के साथ पूरा होना भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों, जैसे कि चंद्रमा से नमूने वापस लाने और भारतीय अंतरिक्ष केंद्र के निर्माण में मदद मिलेगी। इस मिशन का परीक्षण भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए नई तकनीक और क्षमता को साबित करेगा।
30 दिसंबर 2024 को हुआ था लॉन्च
स्पैडेक्स मिशन की शुरुआत 30 दिसंबर 2024 को हुई थी, जब PSLV-C60 रॉकेट ने 220 किलोग्राम के दो सैटेलाइट्स को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया था। इसके बाद इन सैटेलाइट्स को 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में स्थापित किया गया। इस मिशन का अंतिम उद्देश्य सफल डॉकिंग प्रक्रिया के जरिए भारत के स्पेस डॉकिंग और अनडॉकिंग की तकनीकी क्षमता का परीक्षण करना है।