भारत भर में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की एक बड़ी संख्या 8वें वेतन आयोग के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रही है। ये कर्मचारी उम्मीद कर रहे हैं कि आगामी वेतन आयोग उनके वेतन में वृद्धि करेगा, ताकि महंगाई के कारण जीवन-यापन की बढ़ती लागत को कम किया जा सके।
8वें वेतन आयोग की संभावना
जनवरी 2016 में लागू किए गए 7वें वेतन आयोग की मियाद 2026 में समाप्त हो जाएगी, और इसके समाप्त होने के साथ ही उच्च वेतन की मांग और तेज हो गई है। सरकार ने 8वें वेतन आयोग की घोषणा को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में आयोग की स्थापना की जा सकती है और यह जनवरी 2026 तक लागू हो सकता है।
8वें वेतन आयोग के लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है। मौजूदा न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹34,500 तक पहुंचने का अनुमान है, जो कर्मचारियों के पारिश्रमिक में एक बड़ी बढ़ोतरी को दर्शाता है।
महंगाई भत्ता में इजाफा
8वें वेतन आयोग के साथ महंगाई भत्ते की गणना में भी सुधार की संभावना है। वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत महंगाई भत्ते की गणना की जाती है, लेकिन अगले आयोग में इसे मुद्रास्फीति दरों को बेहतर ढंग से दर्शाने के लिए संशोधित किया जा सकता है। यह परिवर्तन कर्मचारियों को अधिक महंगाई भत्ता मिलने का रास्ता खोल सकता है, जिससे उनके वेतन और भत्ते में और भी सुधार होगा।
7वें वेतन आयोग की शुरुआत में कर्मचारियों के वेतन में 23% की वृद्धि हुई थी, और अब कर्मचारियों को उम्मीद है कि 8वें वेतन आयोग के तहत भी वेतन वृद्धि जारी रहेगी, या फिर इससे भी बेहतर वृद्धि होगी। सूत्रों का कहना है कि न्यूनतम मूल वेतन ₹34,500 तक बढ़ सकता है, जिससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वित्तीय कल्याण में महत्वपूर्ण सुधार हो सकता है।
केंद्र सरकार के कर्मचारी अब 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उनके बीच यह विश्वास बढ़ रहा है कि आगामी वेतन आयोग उनके वित्तीय स्थिति को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। महंगाई भत्ते में होने वाले संभावित बदलाव और न्यूनतम वेतन में वृद्धि की अफवाहें कर्मचारियों के बीच उम्मीदों का माहौल बना रही हैं, और वे नए वेतनमान के बारे में और अधिक जानकारी का इंतजार कर रहे हैं।