सीएम मोहन यादव ने शहडोल के कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा की ‘भगवान बिरसा मुंडा ने एक तरफ जल, जंगल और जमीन पर आदिवासी लोगों के अधिकारों के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी, तो दूसरी तरफ ईसाई मिशनरियों के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी।’
शुक्रवार को भगवन बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पुरे देश के साथ मध्य प्रदेश में भी काफी उत्साह के साथ मनाया गया। शहडोल ज़िले में इस अवसर पर 1857 जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मुख्यमंत्री से एक बड़ी गड़बड़ हो गई। उन्होंने कह दिया की अंग्रेज़ों की नीतियों को भगवन बिरसा मुंडा 1857 में ही समझ गए थे। मगर उनका जन्म इस क्रांति के 18 साल बाद हुआ था।
आपको बता दें की मुख्यमंत्री की इस गलती पर विपक्ष ने विधानसभा में खूब तंज कसे। इस कार्यक्रम का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी से भी हुई थी ऐसी ही गलती
इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री एक समारोह में शामिल हुए थे जहाँ उनसे भी कुछ ऐसी ही गलती हो गई थी। दरअसल, उन्होंने कहा था की 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से पहले ही एक आदिवासी युवक जो की महज़ 20 या 22 वर्ष का था, उसने अंग्रेज़ों की नाक में दम कर दिया था। उन्हें हम आज बिरसा मुंडा के नाम से जानते हैं।