Madhya Pradesh: कालिदास समारोह में उप राष्ट्रपति धनखड़ करेंगे आठ विभूतियों का सम्मान, जानें कार्यक्रम की रूपरेखा

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मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में 66वां अखिल भारतीय कालिदास समारोह आयोजित किया गया है। इसका शुभारंभ मंगलवार, 12 नवंबर को शाम 4 बजे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे। इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान आठ विशिष्ट व्यक्तियों को कालिदास अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा।

कालिदास समारोह में शाम 7 बजे से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शुरू होंगी। बुधवार, 13 नवंबर को सुबह 10 बजे रिसर्च सेमिनार और लेक्चर सीरीज का आयोजन किया जाएगा। वहीं, शाम 7 बजे शास्त्रधर्मी शैली पर आधारित नृत्य नाटिका का प्रदर्शन होगा। सोमवार को मंगल कलश यात्रा और नान्दी-भक्ति संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

8 विभूतियों को कालिदास अलंकरण सम्मान प्राप्त होगा।
कला क्षेत्र में सम्मानित विभूतियां:
शास्त्रीय गायन:

  • पं. उदय भावलकर, पुणे (2022)
  • पं. अरविंद पारेख, मुंबई (2023)

शास्त्रीय नृत्य:

  • डॉ. संध्या पुरेचा, मुंबई (2022)
  • गुरु कलावती देवी, मणिपुर (2023)

कला और शिल्प

  • पीआर दारोच दिल्ली (2022)
  • रघुपति भट्ट मैसूर (2023)

नाट्य

  • भानु भारती राजस्थान (2022
  • रुद्रप्रसाद सेन गुप्ता कोलकाता (2023)

कालिदास समारोह में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम निम्नलिखित होंगे:

14 नवम्बर:

  • शोध संगोष्ठी का द्वितीय सत्र
  • व्याख्यान माला: कुटुम्ब व्यवस्था
  • हिन्दी नाटक ‘वसन्त सेना’ का प्रस्तुतीकरण

15 नवम्बर:

  • संगोष्ठी का तीसरा सत्र
  • व्याख्यान माला: कालिदास का पर्यावरण चिंतन
  • लोक गायन और नाटक ‘अभिज्ञान शाकुन्तलम्’ की प्रस्तुति

16 नवम्बर:

  • संस्कृत कवि समवाय
  • अन्तर्विश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद-विवाद प्रतियोगिता
  • लोक नृत्य की प्रस्तुति

17 नवम्बर:

  • अन्तर महाविद्यालयीन काव्य पाठ
  • अन्तर महाविद्यालयीन हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता
  • शास्त्रीय गायन

18 नवम्बर:

  • 4 बजे समापन सत्र
  • शाम 7 बजे शास्त्रीय शैली में वादन

स्काई डाइविंग का अनुभव

कालिदास समारोह में भाग लेने वाले आगंतुक उज्जैन में स्काई डाइविंग का रोमांच भी अनुभव कर सकेंगे। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने उज्जैन की दताना एयर स्ट्रिप पर स्काई डाइविंग का आयोजन किया है, जहां पर्यटक 10 हजार फीट की ऊँचाई से छलांग लगाकर महाकाल की नगरी का दृश्य देख सकते हैं। यह आयोजन तीन महीने तक जारी रहेगा।