मध्य प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों से मानसून की वापसी हो चुकी है, लेकिन बुधवार को कुछ जिलों में बारिश के रिकॉर्ड आंकड़े दर्ज हुए। हालांकि, मौसम विभाग इसे मानूसनी बारिश नहीं मानता, क्योंकि केवल 1 जून से 30 सितंबर के बीच होने वाली बारिश को ही मानसूनी बारिश माना जाता है।
प्रदेश में मौसम का मिजाज
बुधवार को अरब सागर में दो मौसम प्रणालियों के प्रभाव से प्रदेश के दक्षिणी भाग में हल्की से मध्यम बारिश हुई। सुबह साढ़े आठ से शाम साढ़े पांच बजे तक धार में 7 मिलीमीटर, बैतूल और नरसिंहपुर में 4 मिलीमीटर, पचमढ़ी में 0.6, सतना में 0.4 और इंदौर में 0.3 मिलीमीटर वर्षा हुई। इस दौरान, मंडला में रात का सबसे कम तापमान 19.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
मौसमी प्रणालियों का प्रभाव
मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में मिनिकाय और उससे लगे अरब सागर पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके साथ ही, कोंकण से अरब सागर में बने कम दबाव के क्षेत्र तक एक द्रोणिका फैली हुई है। अफगानिस्तान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ चक्रवात के रूप में सक्रिय है, और राजस्थान पर एक प्रति चक्रवात बना हुआ है। इन सभी मौसम प्रणालियों का प्रभाव मध्य प्रदेश पर देखा जा रहा है।
बारिश की संभावनाएं
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला के अनुसार, अरब सागर में बने कम दबाव के क्षेत्र और राजस्थान पर बने प्रति चक्रवात के कारण मध्य प्रदेश में विपरीत हवाएं चल रही हैं, जिससे बादल छा गए हैं। यह स्थिति अगले दो से तीन दिन तक बनी रह सकती है। गुरुवार को जबलपुर, नर्मदापुरम और इंदौर संभाग में मध्यम वर्षा की संभावना है।
तापमान की जानकारी
बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान गुना और खजुराहो में 36.2 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, गुरुवार को जबलपुर, नर्मदापुरम और इंदौर संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ मध्यम वर्षा की संभावना है। अन्य क्षेत्रों में भी हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।