हाल ही में मध्य प्रदेश में बारिश का मौसम समाप्त हुआ था, लेकिन मौसम विभाग ने राज्य के 24 जिलों में फिर से बारिश की चेतावनी जारी की है। यह विशेष रूप से किसानों के लिए चिंता का विषय बन गया है, खासकर सोयाबीन की फसलों के लिए। बैतूल, सीहोर, खरगोन, बड़वानी और इंदौर जैसे जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
प्रदेश में मौसम का मिजाज
मौसम विभाग ने बताया कि अगले 24 घंटे के दौरान मध्य प्रदेश के कई जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है। इनमें खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और बालाघाट शामिल हैं। हालाँकि, मानसून की सक्रियता धीरे-धीरे कम हो रही है और इसकी विदाई भी जल्द हो सकती है।
मौसम विभाग ने जारी किया यलो अलर्ट
मौसम विभाग ने मंगलवार को बारिश के लिए यलो अलर्ट जारी किया था। बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार और इंदौर में भारी बारिश की संभावना जताई गई। वहीं, भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, रतलाम, उज्जैन, सिवनी, मंडला, बालाघाट और पांढुर्णा में हल्की बारिश की संभावना है।
तीन दिनों तक बारिश की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आगामी तीन दिनों के लिए मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में बारिश की संभावना व्यक्त की है। बुधवार को सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, इंदौर, उज्जैन, देवास, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट के कुछ इलाकों में बिजली गिरने के साथ हल्की बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।
आगामी बारिश के पूर्वानुमान
आईएमडी के अनुसार, गुरुवार, 4 अक्टूबर को भी कई जिलों में हल्की बारिश या गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना है। प्रभावित जिलों में सीहोर, भोपाल, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, देवास, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट शामिल हैं।
बारिश से किसानों की बढ़ती परेशानी
रिपोर्टों के अनुसार, बारिश की संभावना से सोयाबीन की फसलें खेतों में सड़ने लगी हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। मौसम विभाग ने सीहोर, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, धार, इंदौर, उज्जैन, रतलाम समेत अन्य जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है।
बारिश के कारण खरीफ फसलों, विशेषकर सोयाबीन, को भारी नुकसान हो रहा है। किसानों की चिंता इस बात को लेकर है कि लगातार बारिश से उनकी फसलें खराब हो रही हैं। इसके कारण न केवल खेती-किसानी प्रभावित हो रही है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। इस स्थिति को देखते हुए किसानों को सावधान रहने और अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है।