पीपीएफ स्कीम में हुआ बदलाव, 1 अक्टूबर से होगा प्रभावी, परिवर्तन से इन खातों पर नहीं मिलेगा ब्याज

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हर निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित और लाभकारी तरीके से बढ़ाने की कोशिश करता है। इसी क्रम में, डाकघर की पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) योजना एक लोकप्रिय विकल्प रही है। इस योजना में 1 अक्टूबर 2024 से तीन प्रमुख बदलाव होने जा रहे हैं। आइए, विस्तार से जानें कि ये बदलाव क्या हैं और ये आपकी निवेश योजना को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।

नियम 1: नाबालिगों के नाम पर पीपीएफ खाता खोलने की सुविधा

अब से, नाबालिगों के नाम पर भी डाकघर की पीपीएफ योजना के तहत खाता खोला जा सकता है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति नाबालिग है, तो उसके नाम पर भी पीपीएफ खाता खोला जा सकता है। इस खाते में जमा की गई राशि पर ब्याज मिलेगा, जो कि नाबालिग के 18 वर्ष का होने तक चलता रहेगा। परिपक्वता अवधि की गणना उस तिथि से की जाएगी जिस दिन नाबालिग वयस्क हो जाता है, यानी खाता खोलने के लिए पात्र बनने की तिथि से।

नियम 2: एक से अधिक पीपीएफ खातों की अनुमति

अब, एक व्यक्ति एक से अधिक पीपीएफ खाते खोल सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें हैं। यदि किसी व्यक्ति ने हर साल की जमा राशि की अधिकतम सीमा के भीतर ही पैसे जमा किए हैं, तो प्राथमिक खाते पर ही ब्याज मिलेगा। अतिरिक्त खाते की शेष राशि को प्राथमिक खाते में मिलाकर एकीकृत किया जाएगा। विलय के बाद, प्राथमिक खाते पर वही ब्याज दर लागू रहेगी, जो कि योजना के अनुसार होती है। अतिरिक्त या द्वितीयक खातों पर जमा राशि के लिए कोई ब्याज नहीं मिलेगा।

नियम 3: एनआरआई द्वारा पीपीएफ खातों का विस्तार

पीपीएफ खाते केवल भारतीय नागरिकों द्वारा खोले जा सकते हैं। यदि एक भारतीय नागरिक पीपीएफ खाता खोलते समय एनआरआई बन जाता है, तो उसे 30 सितंबर 2024 तक मौजूदा POSA (Post Office Savings Account) दर पर ब्याज मिलेगा। इसके बाद, 1 अक्टूबर 2024 से इन खातों पर शून्य प्रतिशत ब्याज दर लागू होगी। इस नियम का मतलब है कि एनआरआई की स्थिति में पीपीएफ खाते की ब्याज दर पर बदलाव हो जाएगा और इससे लाभ की उम्मीद कम हो सकती है।

अन्य योजनाओं में बदलाव

इसके अलावा, सुकन्या समृद्धि योजना और राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) जैसे अन्य डाकघर की लघु बचत योजनाओं में भी नियमों में कुछ बदलाव किए जाएंगे। इन बदलावों का उद्देश्य खाताधारकों के लाभ को बेहतर बनाना और नियमितता बनाए रखना है। इन नए नियमों के लागू होने के बाद, निवेशक अपनी योजनाओं को अद्यतित कर सकते हैं और इन बदलावों का लाभ उठा सकते हैं।