DA Hike: केंद्र की मोदी सरकार सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 3 फीसदी की बढ़ोतरी की योजना बना रही है।
डीए और डीआर की बढ़ोतरी के प्रभाव
महंगाई भत्ता (डीए) सरकारी कर्मचारियों को महंगाई से राहत देने के लिए दिया जाता है, जबकि महंगाई राहत (डीआर) पेंशनर्स को इसी उद्देश्य से प्रदान की जाती है। केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2024 से डीए को 50 फीसदी तक बढ़ा दिया है। इस बढ़ोतरी के बाद पिछले कुछ महीनों में अन्य भत्ते, जैसे हाउस रेंट अलाउंस (HRA), भी बढ़ाए गए हैं। सामान्यतः, सरकार डीए और डीआर में वृद्धि मार्च और सितंबर में करती है, लेकिन यह वृद्धि जनवरी और जुलाई से लागू मानी जाती है।
डीए की गणना में बदलाव
डीए की गणना का आधार अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई) है। पहले डीए की गणना 2001 के आधार वर्ष के साथ एआईसीपीआई का उपयोग करके की जाती थी। हालांकि, सितंबर 2020 से सरकार ने 2016 के नए आधार वर्ष के साथ एक नए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का उपयोग शुरू कर दिया है। यह परिवर्तन डीए की गणना को अधिक सटीक बनाने और महंगाई के प्रभाव को बेहतर ढंग से दर्शाने के लिए किया गया है।
केंद्र सरकार कर्मचारियों की सैलरी में डीए बढ़ोतरी का प्रभाव
केंद्र सरकार की योजना के अनुसार, जिन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, उन्हें जुलाई में 3 फीसदी डीए बढ़ोतरी के बाद 540 रुपये की मासिक वृद्धि प्राप्त होगी। इससे उनकी सालाना सैलरी में 6,480 रुपये की बढ़ोतरी होगी।
उच्च वेतन वाले कर्मचारियों पर प्रभाव
जिन कर्मचारियों का मूल वेतन 56,900 रुपये है, उनके लिए मासिक सैलरी में 1,708 रुपये और सालाना सैलरी में 20,484 रुपये की बढ़ोतरी होगी।
डीए और डीआर की सीमा पार करने के कयास
डीए और डीआर की 50 फीसदी की सीमा पार करने के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा था कि डीए और डीआर को मूल वेतन में शामिल किया जा सकता है। इससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन में और वृद्धि हो सकती है। हालांकि, सरकार ने इस संशोधन की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।