मध्य प्रदेश में साइबर अपराधों में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश के हर जिले में एक साइबर थाना और हर थाने में एक साइबर हेल्प डेस्क स्थापित किया जाएगा। यह फैसला साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने और पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने के उद्देश्य से लिया गया है।
पिछले पांच वर्षों में साइबर अपराधों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है और अब यह 3 लाख को पार कर गई है। खासकर, 2023 में जनवरी से अब तक 250 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के मामले सामने आए हैं। इन बढ़ते मामलों को देखते हुए साइबर थाने और हेल्प डेस्क की आवश्यकता और अधिक महसूस की जा रही थी।
हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क
हर थाने में स्थापित की जाने वाली साइबर हेल्प डेस्क में एक प्रशिक्षित पुलिसकर्मी तैनात किया जाएगा। यह पुलिसकर्मी साइबर अपराधों से संबंधित शिकायतों को दर्ज करेगा और आवश्यक कार्रवाई करेगा। जरूरत पड़ने पर मामले को साइबर थाने में स्थानांतरित किया जाएगा।
साइबर थाने में विशेषज्ञ टीम
साइबर थानों में साइबर कानून में दक्ष पुलिसकर्मियों की एक विशेष टीम होगी। यह टीम साइबर अपराधों की जांच में विशेषज्ञता रखती होगी। इन थानों में आधुनिक तकनीक और उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि अपराधियों को पकड़ने और साक्ष्य एकत्र करने में आसानी हो सके।