इंदौर : नगर निगम ने 15 साल बाद संपत्ति कर, जलकर और कचरा संग्रहण शुल्क में बड़ा इजाफा करने का फैसला लिया है। इस फैसले से शहरवासियों की जेब पर बोझ बढ़ सकता है। वर्तमान में 200 रुपये प्रतिमाह वसूले जाने वाले जलकर को बढ़ाकर 300 रुपये किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार इसको लेकर निगम का तर्क है कि नर्मदा का पानी लाने और जल आपूर्ति व्यवस्था बनाए रखने में होने वाले खर्चों में भारी वृद्धि हुई है। वहीं संपत्तिकर में भी 2 रुपये प्रति वर्गफीट का इजाफा किया जाएगा। निगम ने हाल ही में कालोनियों के रेट जोन में बदलाव कर संपत्तिकर में बढ़ोतरी की थी।
कचरा संग्रहण शुल्क में बड़ा बदलाव:
निगम कचरा संग्रहण शुल्क में 10% से 100% तक की बढ़ोतरी कर सकता है।बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले कई परिवार कचरा संग्रहण शुल्क नहीं चुकाते हैं, जिस पर लगाम कसने की तैयारी है। वहीं देखा जाए तो इंदौर के विधायक इस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं और लोगों से अपनी आपत्ति दर्ज कराने की अपील कर रहे हैं।
क्यों बढ़ाए गए टैक्स?
निगम का कहना है कि शहर के विकास कार्यों और बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता है। बढ़े हुए टैक्स से मिलने वाली राशि का उपयोग सड़क निर्माण, जल निकासी, स्वच्छता आदि कार्यों में किया जाएगा। टैक्स बढ़ोतरी के फैसले से शहरवासी परेशान हैं।
क्या आप जानते हैं? पिछले 15 सालों में यह पहली बार है जब इंदौर नगर निगम ने संपत्ति कर और जलकर में इतनी बड़ी बढ़ोतरी की तैयारी कर रहा है। निगम का दावा है कि बढ़े हुए टैक्स से मिलने वाली राशि का उपयोग पारदर्शी तरीके से किया जाएगा।