Assam में बाढ़ से तबाही, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 9 गैंडों समेत 159 जंगली जानवरों की मौत

Author Picture
By Sandeep SharmaPublished On: July 10, 2024

असम में बाढ़ के कारण काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में अब तक 9 गैंडों समेत 159 जंगली जानवरों की मौत हो चुकी है। यह जानकारी बुधवार को उद्यान प्राधिकरण ने दी। पार्क प्राधिकरण और वन विभाग ने बाढ़ के दौरान जानवरों को बचाने में भी कामयाबी हासिल की है और कई जानवरों को उपचार के बाद छोड़ दिया गया है।

सोनाली घोष ने बताया, “159 जंगली जानवरों में से 128 हॉग डियर, 9 गैंडे, 2 दलदली हिरण और 2 सांभर बाढ़ के पानी में डूबकर मर गए। वहीं, 12 हॉग डियर, एक दलदली हिरण, रीसस मैकाक और ऊदबिलाव की देखभाल के दौरान मौत हो गई। दो हॉग डियर की मौत वाहन की टक्कर से हुई और एक ऊदबिलाव (शिशु) की मौत अन्य कारणों से हुई।”

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कहा कि जनता के द्वारा चलाए गये एक सफल बचाव अभियान में, एक हाथी जो अपने झुंड से अलग हो गया था जिसे बचाव दल के द्वारा बचाया गया है और उसके झुंड के साथ मिला दिया गया है। पार्क प्राधिकरण और वन विभाग ने बाढ़ के दौरान 133 जानवरों को बचाने में कामयाब हुए और अनेक जारवरों का इलाज कर छोड़ दिया गया है। सोनाली घोष ने बताया कि बचाए गए सात जानवरों में दो तो गैंडे के बच्चे है और दो हाथी के बच्चे शामिल हैं जिनका बचाव दल के द्वारा उपचार किया जा रहा है।

पार्क में बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन पार्क में 62 वन शिविर अभी भी पानी में डूबे हुए हैं और 4 शिविरों को खाली करा दिया गया है। पार्क के अंदर 233 वन शिविर हैं। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य क्षेत्र 430 वर्ग किलोमीटर है और कुछ प्रजातियों के जुड़ने के बाद पार्क का क्षेत्रफल बढ़ गया है। काजीरंगा 2600 से अधिक एक सींग वाले गैंडों का घर है।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ में कछार के दो और धुबरी, दक्षिण सलमारा, धेमज, नागांव और शिवसागर के एक-एक व्यक्ति की जान चली गई। राज्य में 26 जिलों के 17.17 लाख से अधिक लोग अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं। जिसे लेकर प्रशासन निरंतर बचाने में ​लगी हुई है।