लोकसभा स्पीकर के सामने मंत्री विजयवर्गीय का खुलासा, कहा – मजाक-मजाक में अमित भाई से हुआ था हार्ड डिस्कशन

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इंदौर : अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चाओं का विषय बने रहने वाले मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, हाल ही में दिए गए अपने एक और बयान लिए काफी सुर्खियां बटोरते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल, एक दिवसीय दौरे पर इंदौर पहुंचे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का नागरिक अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया था।

इस दौरान मंच से मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा जब पिछली बार मंत्रिमंडल का गठन हो रहा था, तब अमित भाई से थोड़ा मजाक-मजाक में हार्ड डिस्कशन हो गया। मैंने कहा आपने मंत्री मंडल अच्छा नहीं बनाया, लिया ही नहीं हमारे दोस्त को। वे बोले चिंता मत करो और फिर पंद्रह दिन बाद उनका फोन आया। बोले, “मंत्री बनाने की बात कर रहे थे ना? हम उन्हे सारे मंत्रियों को कंट्रोल करने वाला बना रहे हैं। उन्हें लोकसभा का अध्यक्ष बना रहे हैं।

विजयवर्गीय ने कहा अब देखिए, बनना बड़ी बात नहीं है, पर उस कुर्सी पर बैठकर न्याय करना और अपने आप को स्थापित करना बड़ी बात है। स्थापित करने के साथ-साथ जब लगे कि पार्टी को दूसरी बार फिर से लोकसभा अध्यक्ष बनना है, तब अपनी योग्यता और कर्मठता के कारण पार्टी ने उन्हें चुना।

उन्होंने आगे कहा मैं कई बार देखता हूँ, जब इनके क्षेत्र में जाता हूँ। इन्हें कॉन्स्टिट्यूएंसी कैसे नर्स करनी चाहिए, कैसे कार्यकर्ताओं से मिलना चाहिए, यह सब पता है। सुबह-सुबह ये 20-25 लोगों को बर्थडे का फोन करते हैं। इनके पास एक आदमी रहता है जो बर्थडे के लिए उन्हें याद दिलाता है। पार्षद से प्रारंभ होकर रात 12 बजे तक अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की समस्याओं का निराकरण करते हैं। उच्च पद पर बैठने के बाद भी, अगर किसी थाने में फोन करना हो तो तुरंत करते हैं। यह कार्यकर्ताओं और जनता के प्रति अपने समर्पण को दिखाता है।

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है और वे उनके लिए पूरी तरह से समर्पित रहते हैं। जब भी दिल्ली जाता हूं तो जितना भी थोड़ा बहुत समय मिलता है, मैं ओम जी से जरूर मिलता हूं। उन्होंने कहा कि वे मेरे से छोटे है, लेकिन उनसे विनम्रता मैने सीखी। मेरे में तो है ही नहीं, पर जो थोड़ी बहुत सीखी ओम जी से ही सीखी है। विजयवर्गीय ने कहा जब मैं उन्हे लोकसभा में देखता हूं हस्ते हस्ते डांट देते हैं, ऐसा उनका स्वभाव है।