महापौर द्वारा स्वच्छता अपनाओ – बीमारी भगाओ अभियान का शुभारम्भ, स्वच्छता की दिलाई शपथ

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इंदौर। स्वास्थ्य प्रभारी श्री अश्विनी शुक्ल ने बताया कि स्वच्छता में देश में सिरमौर इंदौर द्वारा स्वच्छता के साथ ही शहर को बीमारियों के बचाव हेतु जागरूक करने के उददेश्य से महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव द्वारा आज लता मंगेशकर ऑडिटोरियम में स्वच्छता अपनाओ – बीमारी भगाओ अभियान का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर सांसद श्री शंकर लालवानी, महापौर परिषद सदस्य श्री अश्विनी शुक्ल, श्री निरंजनसिंह चौहान, श्री अभिषेक शर्मा, श्री राकेश जैन, श्रीमती प्रियां डांगी, सचेतक श्री कमल वाघेला, पार्षद श्री प्रशांत बडवे, श्रीमती सुनीता हार्डिया, श्रीमती हरप्रीत कौर लूथरा, अपर आयुक्त श्री सिद्धार्थ जैन, अधीक्षण यंत्री श्री महेश शर्मा, बडी संख्या में अल्पाईन स्कुल, रेहान इंटरनेशनल, एनी बेसेंट स्कल के प्रिंसिपल, शिक्षक व स्कुली छात्र- छात्राऐं व अन्य उपस्थित थे।

इस अवसर पर सांसद श्री लालवानी व महापौर श्री भार्गव द्वारा कार्यक्रम स्थल पर स्वच्छ भारत मिशन, स्वास्थ्य विभाग एवं पीएचई द्वारा लगाए गए री युजेबल हेड वॉशिंग स्टेशन का भी अवलोकन किया गया।
 इस अवसर पर अतिथियों द्वारा सभी नागरिकों एवं बच्चों को स्वच्छता की शपथ दिलाई गई।  कार्यक्रम के अंत में क्षेत्रीय पार्षद श्री प्रशांत बडवे द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया। साथ ही अतिथियों द्वारा स्वच्छता में सहयोगी व महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली महिला सफाई मित्र, आशा कार्यकर्ता व शिक्षको को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन 2 के तहत देशभर में 1 जुलाई से 31 अगस्त तक सफाई अपनाओ – बीमारी भगाओ अभियान प्रारम्भ किया गया है, उक्त अभियान इंदौर शहर में लांच किया गया है, इस अभियान के माध्यम से वर्षाकाल के दौरान फैलने वाले संक्रामक बीमारियों का रोकथाम किस प्रकार किया जा सकता है, क्यां-क्यां सावधानी बरतनी आवश्यक है, इसके लिये नागरिको को जागरूक किया जावेगा।
महापौर श्री भार्गव ने कहा कि इंदौर देश में स्वच्छता में लगातार सिरमौर शहर है, इस स्वच्छता अभियान में इंदौर शहर के जागरूक नागरिको के साथ ही स्वच्छता के ब्रांड एम्बेसेटर स्कुल-कॉलेज के बच्चे है, जिन्होने स्वंय स्वच्छता का अपनाया और परिवारजन को भी स्वच्छता के लिये प्रेरित किया है, उन्होने कहा कि बच्चो ने स्वच्छता संदेश केा घर घर तक पहुंचाने का काम किया है, इंदौर के स्वच्छता अभियान में स्कुल शिक्षा के साथ ही अनुशासन का महत्वपूर्ण स्थान है।  उन्होने कहा कि वर्षाकाल के दौरान विभिन्न बैक्टेरियां के माध्यम से मौसमी बीमारियां फैलती है, इसके रोकथाम व जागरूकता हेतु सफाई अपना बीमारी भगाओ अभियान प्रारम्भ किया गया है, इस अभियान के माध्यम से स्कुली बच्चो को स्कुल व घर में स्वच्छता को बनाये रखने, बार-बार हाथ धोने, किस प्रकार से वर्षाकाल में सतर्कता रखना है के संबंध में प्रेरित किया जावेगा।
सांसद श्री शंकर लालवानी ने कहा कि देश के यशस्वी मान. प्रधानमंत्री जी द्वारा जब स्वच्छता अभियान की शुरूआत की गई थी तो इस अभियान को इंदौर शहर ने जन आंदोलन बनाया और स्वच्छता में देश में लगातार 7 बार नंबर स्वच्छ शहर बना है, यह अभियान जितना कठिन था उतना ही इस अभियान में बना रहना भी चूनौती था।  इस अभियान के तहत प्रारम्भ में शहर के स्कुल-कॉलेज के बच्चो को सम्मिलित किया जाकर उन्हे स्वच्छता का ब्रांड एम्बेसेटर बनाया गया, और बच्चो ने स्वच्छता का पाठ सीखा व अपने परिवारजन को भी स्वच्छता में सहयोग करने के लिये प्रेरित किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप इंदौर के स्वच्छता पाठ को देश के अन्य शहरो ने भी अपनाया है।
स्वास्थ्य प्रभारी श्री अश्विनी शुक्ल एवं अपर आयुक्त श्री सिद्धार्थ जैन ने कहा कि मानसून अवधि से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए सक्रिय उपायों के महत्वपूर्ण महत्व को पहचानते हुए, भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के माध्यम से सफाई अपनाओ, बीमार भगाओ (एसएबीबी) की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य सभी शहरी स्थानीय निकायों की तैयारियों को मजबूत करना है, ताकि भारी बारिश और बढ़ी हुई स्वास्थ्य चुनौतियों (जून-अगस्त) के आसन्न महीनों के लिए उनकी उच्चतम स्तर की तैयारी सुनिश्चित की जा सके। इस अवसर पर स्वास्थ्य अधिकारी महोदय द्वारा जल जनित रोग के प्रति जागरूक किया गया।
सफाई अपनाओ, बीमार भगाओ एसएबीबी अभियान जल-जनित और वेक्टर-जनित बीमारियों को रोकने के लिए स्टॉप डायरिया अभियान के अनुरूप चलाया जाना है। अभियान के तहत स्पष्ट रूप से स्वच्छ शहरी स्थानों के लिए विशेष स्वच्छता अभियान, कचरे का संग्रहण एवं परिवहन, सभी सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों की नियमित सफाई, बच्चों के लिए स्वच्छता और स्वच्छता सुविधाओं पर ध्यान, पानी की गुणवत्ता का पर्याप्त नमूनाकरण, सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति और जल कार्यों का रखरखाव, उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए त्वरित मूल्यांकन, आईईसी और घर-घर जाकर लामबंदी की योजना बनाना, पीपीटी-प्रोटेक्ट प्रिवेंट ट्रीट रणनीति को अपनाना, प्रभाव का समन्वय और निगरानी अभियान में शामिल है।