भोपाल : 1 जुलाई से भारत में कई महत्वपूर्ण कानून नए स्वरूप में लागू हो रहे हैं। यह बदलाव दंड के स्थान पर न्याय को प्राथमिकता देने और भारतीय नागरिकों को संविधान में प्रदत्त अधिकारों की मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से लाए गए हैं।
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल से देश में गुलामी की निशानियों को समाप्त करने के लिए विभिन्न काम हो रहे हैं। इसी क्रम में एक जुलाई से देश में अनेक कानून नए स्वरूप में लागू होंगे।
दंड के स्थान पर न्याय का महत्व बढ़े एवं भारतीय नागरिकों को संविधान में प्रदत्त अधिकारों की रक्षा हो सके, इस चिंतन से तीन विधेयक निरस्त करके नए कानून विधेयक लाए गए हैं। आमजन तक इनकी जानकारी पहुंचाने के सभी प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री रविवार को वी़डियो कान्फ्रेंसिंग से प्रदेश के सभी कमिश्नर, कलेक्टर, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजों के समय से चले आ रहे ऐसे विधेयक एवं अधिनियम में भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (1898), 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 शामिल हैं।
भारतीय दंड संहिता 1860 को भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा। दंड प्रक्रिया संहिता 1898 को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 को भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है।