दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने फैसला दिया है। जिस दौरान बताया की अरविन्द केजरीवाल जेल में ही रहेंगे। अभी उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं मिल पाई है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हाईकोर्ट द्वारा उन्हें दी गई जमानत को निलंबित करने के खिलाफ दायर याचिका पर आदेश सुरक्षित रखना ‘असामान्य’ है
जिन्हें 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ED ने गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के सरदार थे। कई हफ़्तों तक जेल में रहने के बाद, उन्हें 10 मई को लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया। 2 जून को वे फिर से जेल चले गए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें और राहत देने से इनकार कर दिया था।
आप नेता ने कहा, इससे यह तथ्य स्पष्ट हो जाता है कि केजरीवाल ने कोई अपराध नहीं किया है। अदालत का यह कहना कि ED पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रही है। आप संयोजक की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने भी जांच एजेंसी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ‘ऐसा व्यवहार कर रही है जैसे अरविंद केजरीवाल भारत के सबसे वांछित आतंकवादी हैं’। देश में तानाशाही इस हद तक बढ़ गई है कि ईडी किसी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन करती है. और एक निर्वाचित मुख्यमंत्री की जमानत के खिलाफ स्टे लेने के लिए तुरंत हाईकोर्ट चली जाती है। हाईकोर्ट का फैसला आना अभी बाकी है। हमें उम्मीद है कि वह न्याय करेगा