इंदौर : शहर के एमआर 10 के पास स्थित रामकृष्ण बाग कॉलोनी में रहने वाले 200 से ज्यादा परिवारों के सिर पर छत का संकट मंडरा रहा है। श्रीराम बिल्डर्स (शशिभूषण खंडेलवाल) द्वारा इनके मकान तोड़ने की तलवार लटक रही है।
बता दें कि, यह जमीन विवाद 2003 से चल रहा है। जब श्रीराम बिल्डर्स ने यह जमीन न्याय नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था से खरीदी थी। वहीं, हाईकोर्ट में कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार और निगमायुक्त के खिलाफ दायर अवमानना याचिका में हाईकोर्ट ने इन सभी को 30 जून तक इन मकानों को तोड़ने का अल्टीमेटम दिया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह जमीन खजराना के सर्वे नंबर 66/2 की 0.720 हेक्टेयर जमीन है। 2003 में न्यायनगर संस्था से खरीदी गई थी। सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने मंजूरी दी थी। बाद में यह जमीन आईडीए की स्कीम 132 (जो अब स्कीम 171 है) में आ गई। बिल्डर ने आईडीए से एनओसी के लिए कोर्ट में केस लगाया और 2019 में एनओसी मिली।
इसी दौरान जमीन के अतिक्रमण हटाने के लिए भी केस लगाए। हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया, अतिक्रमण हटाने के आदेश हुए। शासन ने समय मांगा क्योंकि रहवासियों के मकान बन चुके थे। फ्लैट देने की बात चली, लेकिन नियमों के अनुसार कब्जाधारियों को फ्लैट नहीं दिए जा सकते। बिल्डर ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। इसके बाद अब हाईकोर्ट ने 30 जून तक मकान तोड़ने का अल्टीमेटम दिया।
क्या होगा इन रहवासियों का?
24 जून को जिला कोर्ट में जमीन को लेकर केस की सुनवाई है। अगर यहां भी राहत नहीं मिली तो 30 जून तक मकान तोड़े जा सकते हैं। रहवासी बेघर हो सकते हैं।