असदुद्दीन ओवैसी एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में बदलाव करने के कदम पर आपत्ति जताने वाले नवीनतम विपक्षी राजनेता बन गए हैं, क्योंकि उन्होंने विशेष रूप से बाबरी मस्जिद और बड़े अयोध्या मुद्दे के संबंध में किए गए बदलावों की ओर इशारा किया। एआईएमआईएम प्रमुख ने सोमवार को कहा कि भारत के बच्चों को पता होना चाहिए कि अयोध्या मुद्दे पर फैसला करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के विध्वंस को ‘घोर अपराध’ कहा था,
NCERT को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने किया पोस्ट
हैदराबाद के सांसद ने एक्स पर पोस्ट किया ‘एनसीईआरटी ने बाबरी मस्जिद की जगह ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ शब्द लिखने का फैसला किया है। इसने अयोध्या फैसले को ‘सर्वसम्मति’ का उदाहरण कहने का भी फैसला किया है। भारत के बच्चों को पता होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ने विध्वंस को एक घोर आपराधिक कृत्य कहा है।’ ओवैसी ने कहा, “भारत के बच्चों को पता होना चाहिए कि 1949 में एक चालू मस्जिद को अपवित्र किया गया था और फिर 1992 में भीड़ ने उसे ध्वस्त कर दिया था।
विवाद क्या है?
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की नई संशोधित पाठ्यपुस्तकों में पहले के संस्करणों से कई हटाए गए और बदलाव किए गए हैं। साथ ही, परिषद ने अयोध्या खंड को चार से घटाकर दो पृष्ठ कर दिया है। इस कदम का बचाव करते हुए, एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने जानना चाहा कि क्या पाठ्यपुस्तकों में ‘दंगों के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए।’
दिनेश प्रसाद ने कहा बच्चों को सकारात्मक नागरिक बनाना चाइये बच्चों को समझाना चाहिए कि सभी धर्मों और समुदायों के लोग एक साथ भाईचारे और समझदारी से रह सकते हैं। उन्हें दिखाना चाहिए कि समस्याओं को बातचीत से हल करना हमेशा बेहतर होता है।