Train Accident: आज पश्चिम बंगाल में सुबह नौ बजे एक भयानक ट्रेन हादसा हुआ जिसमे कंचनगंगा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। इस हादसे में कई यात्री घायल हो गए हैं। मालगाड़ी की चपेट में आने से ट्रेन के पीछे के दो डिब्बे पटरी से उतर गए। बचाव कार्य जारी हैं। जानकारी के मुताबिक इस भयानक हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत की खबर हैं।
आशंका है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। पिछले कुछ वर्षों में रेल दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। यात्री हादसे के पीछे बड़े पैमाने पर रखरखाव की कमी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
ऐसे में आइए जानें देश में सबसे बड़े रेल हादसे कौन से हैं….
भारत की सबसे भयानक रेल दुर्घटना
दुनिया की दूसरी और भारत की सबसे घातक रेल दुर्घटना 6 जून 1981 को हुई थी। इस भयावह दुर्घटना के परिणामस्वरूप लगभग 800 लोगों की मृत्यु हो गई। यह हादसा बिहार में एक लोकल पैसेंजर ट्रेन में हुआ। ट्रेन के नौ में से सात डिब्बे बागमती नदी में गिर गये। उस समय बिहार के बालाघाट में भीषण चक्रवात चल रहा था परिणामस्वरूप, बचाव कार्य अधिक कठिन हो जाता है। घटना के कुछ दिनों बाद लगभग 800 शव बरामद किए गए थे। जानकारी के मुताबिक यह ट्रेन 4 शादियों के निमंत्रणों से भरी हुई थी।
‘पुरूषोत्तम एक्सप्रेस और कालिंदी एक्सप्रेस के बीच टक्कर’
इसके अलावा, दिल्ली जाने वाली पुरूषोत्तम एक्सप्रेस ने उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के पास खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस को टक्कर मार दी। उस घटना में कम से कम 358 लोगों की मौत हो गई थी। गाय से टकराने के बाद ब्रेक फेल होने से कालिंदी एक्सप्रेस ट्रैक पर खड़ी हो गई।
‘कोरोमंडल एक्सप्रेस और हमसफर एक्सप्रेस के बीच टक्कर’
पिछले साल ही कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन शालीमार स्टेशन से चेन्नई जा रही थी। सबसे पहले पटरी से उतरी हमसफर एक्सप्रेस हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस के दो डिब्बों से टकराई। उस टक्कर के बाद करमंडल एक्सप्रेस उसी लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। तुरंत, करमंडल का इंजन मालवाहक गाड़ी के ऊपर चला गया। उस भयानक ट्रेन हादसे में करीब 296 लोगों की मौत हो गई थी।
‘असम के गैसल के पास दो ट्रेनों के बीच टक्कर’
तब असम के गैसल के पास दो ट्रेनें 2500 से ज्यादा यात्रियों को लेकर जा रही थीं। अबोध-असम एक्सप्रेस और ब्रह्मपुत्र मेल की टक्कर में 268 लोगों की मौत हो गई। 359 लोग घायल हुए। हादसा इतना भीषण था कि अवध-असम ट्रेन का इंजन दूर जा गिरा। यहां तक कि दो ट्रेनों के यात्रियों को बस्ती से काफी दूर फेंक दिया गया।