गुजरात हाई कोर्ट ने राजकोट के गेमिंग जोन में लगी आग पर स्वत: संज्ञान लिया इस घटना को लेकर गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि ‘यह मानव निर्मित आपदा है।’ इस मामले में हाई कोर्ट ने राजकोट नगर निगम से स्पष्टीकरण की मांग की हैं।
‘गेमिंग जोन में गर्मियों की छुट्टियों का आनंद ले रहे थे लोग’
राजकोट के टीआरपी गेम जोन में शनिवार शाम को आग लगने की घटना में कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई। शनिवार शाम को गेमिंग जोन में लोग गर्मी की छुट्टियों का आनंद ले रहे थे। लोगों से भरे इस गेमिंग जोन में भीषण आग लग गयी और इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो गयी जिनमें से 12 वर्ष से कम उम्र के चार बच्चे भी शामिल थे।
‘आग का सटीक कारण अब तक ज्ञात नहीं’
भीषण आग के कारण क्या हैं इसकी सटीक जानकारी अभी तक नहीं मिल पायी हैं।
‘जाचं के लिए किया SIT का गठन’
गेमिंग जोन में हुई घटना की जांच करने के लिए SIT का गठन किया गया और गुजरात सरकार द्वारा 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। यह पांच सदस्यीय विशेष जांच दल शनिवार देर रात राजकोट पहुंचा और स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक की।
एसआईटी के प्रमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी ने बैठक से पहले शनिवार रात पत्रकारों से कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए तुरंत जांच शुरू की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी कोई घटना दोबारा न हो।
‘अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने बताया…’
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) विनायक पटेल ने बताया कि घटनास्थल से 27 शव बरामद किए गए हैं और उन्हें शहर के सिविल अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि घटना में तीन लोग घायल हुए हैं और अब उनकी हालत स्थिर है।
उन्होंने कहा, “शव इतने जल चुके हैं कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है और हमने शवों तथा उन पर दावा करने वाले रिश्तेदारों के डीएनए नमूने एकत्र करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है, ताकि मृतकों की पहचान की जा सके।”