भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने कहा है कि बहुत कम संख्या में लोगों को कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड से खतरा हो सकता है। सीओवीआईडी -19 वैक्सीन, कोविशील्ड के दुर्लभ दुष्प्रभावों पर चिंताओं के बीच बुधवार को गंगाखेड़कर ने मीडिया से बात की।
‘कोविड-19 वैक्सीन से TTS का खतरा’
गंगाखेडकर ने बताया कि कोविशील्ड वैक्सीन प्राप्त करने वाले 10 लाख में से केवल सात से आठ व्यक्तियों को थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) नामक एक दुर्लभ दुष्प्रभाव का अनुभव होने का जोखिम होता है। जब आपको पहली खुराक मिलती है तो जोखिम सबसे अधिक होता है। यह दूसरी खुराक के साथ कम हो जाता है और तीसरी के साथ सबसे कम होता है। वैज्ञानिक ने यह भी कहा कि कोई भी दुष्प्रभाव शुरुआती दो से तीन महीनों के भीतर दिखाई देने की संभावना है। उन्होंने कहा कि लाखों प्राप्तकर्ताओं पर इस टीके के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए, इससे जुड़ा जोखिम न्यूनतम है।
‘COVID-19 वैक्सीन एक दुर्लभ दुष्प्रभाव का कारण’
हाल ही में, ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में वैक्सीन विकसित करने वाली फार्मास्युटिकल दिग्गज कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यूके में अदालती दस्तावेजों में स्वीकार किया था कि उसकी COVID-19 वैक्सीन एक दुर्लभ दुष्प्रभाव का कारण बन सकती है जिसे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के साथ थ्रोम्बोसिस कहा जाता है।