“परिवार से दूर रहना हमेशा भावनात्मक रूप से मुश्किल होता है”: वसीम मुश्ताक

Ravi Goswami
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सोनी सब का ‘आंगन अपनों का’ जयदेव शर्मा (महेश ठाकुर) और उनकी तीन बेटियों, पल्लवी (आयुषी खुराना), तन्वी (अदिति राठौर) और दीपिका (नीता शेट्टी) के साथ उनके रिश्ते की कहानी दर्शाने वाला एक प्यारा पारिवारिक ड्रामा है। स्क्रीन पर पारिवारिक बंधनों को प्रदर्शित करने के बीच, अभिनेता वसीम मुश्ताक (दीपिका के पति वरुण) ने शूटिंग के लिए कश्मीर में रह रहे अपने परिवार को याद करने की बात कही। अभिनेता ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे शो उनके किरदार और उनके अपने जीवन के अनुभवों के बीच कुछ समानताएं प्रस्तुत करता है।

"परिवार से दूर रहना हमेशा भावनात्मक रूप से मुश्किल होता है": वसीम मुश्ताक

परिवार से दूर रहने पर अभिनेताओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए, वसीम ने कहा, “परिवार से दूर रहना हमेशा भावनात्मक रूप से मुश्किल होता है, न केवल अभिनेताओं के लिए, बल्कि आजीविका कमाने के लिए देश के अन्य हिस्सों से आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए भी। लेकिन यह हमारा ही चुनाव होता है, इसलिए हम इस तरह से जीना सीख जाते हैं। अपने व्यस्त शूटिंग शेड्यूल के कारण मुझे अपने गृहनगर कश्मीर गए हुए काफी समय हो गया है। मुझे लगता है कि अपने गृहनगर में जाने से वह हार्ड रीसेट बटन बस यूं ही दब जाती है, जिसकी हमें अपने कार्यस्थल पर समय-समय पर सख्त जरूरत होती है, और अगली बार जब मैं घर जाना तय करूंगा, तो शायद ड्राइव करके कश्मीर जाने की योजना बनाऊं।”

"परिवार से दूर रहना हमेशा भावनात्मक रूप से मुश्किल होता है": वसीम मुश्ताक

वसीम न केवल अपने परिवार से दूर रहने के तनाव से जूझ रहे हैं, बल्कि उन्हें अपने किरदार की कहानी और अपनी व्यक्तिगत यात्रा के बीच उल्लेखनीय समानताएं भी पता चली हैं। आंगन अपनों का के एक दृश्य को याद करते हुए, जहां तीनों बेटियां अपने बीमार पिता की देखभाल करती हैं, मुश्ताक ने भी ऐसे ही एक वाकये को याद ​किया।

वसीम ने बताया, “मुझे ऐसी ही एक घटना याद है जब मेरे पिता को चोट लग गई थी और मेरी बहनों ने ही सब कुछ संभाला था, क्योंकि मैं मुंबई में रहता हूं। हमारे शो की तीनों बहनों की तरह, मेरी बहनें भी हमारे परिवार की असली हीरो हैं। मैं आम तौर पर शो से जुड़ाव महसूस करता हूं, क्योंकि मेरी दो बहनें हैं, जो मेरे मुंबई में रहने के दौरान हमारे माता-पिता और अपने ससुराल को बहुत कुशलता से संभाल रही हैं। उन्हें सलाम।”
‘आंगन अपनों का’ देखते रहें, हर सोमवार से शनिवार शाम 7:30 बजे, केवल सोनी सब पर