स्वयं को संत और घर को स्वर्ग बनाओ- पं. कमलकिशोर नागर
इन्दौर 6 अप्रैल। जीवन के हर पल को भगवान को समर्पित करने वाला नर से नारायण हो जाता है। जीवन में भगवान को अपना इतना अंतरंग मित्र बना लो कि स्वयं संत हो जाओ और घर को स्वर्ग बना लो। भगवान ज़ब सारथी बनता हैं तो वही अर्थी तक सारथी बना रहता है। इसलिए ज़ब तक देह और समय अच्छा रहे भगवान का भजन कर लेना चाहिए। सब सुख भगवान से ही मिलता है ऐसा नहीं है। अगर इंसान चाहे तो मन, बुद्धि, चित्त और स्वयं के व्यवहार से भी जीवन में सुख व शांति की प्राप्ति कर सकता है।
उक्त विचार शनिवार को गोम्मटगिरी जम्बूर्डी हप्सी स्थित गोवर्धन गौशाला की कदम वाटिका में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा में शनिवार को भागवत कथा प्रसंग में व्याख्या करते हुए मालवा माटी के संत पं. कमलकिशोर नागर ने व्यक्त किए। उन्होंने भक्तों को कथा का श्रवण करवाते हुए आगे कहा कि भगवान बहुत कुछ करते हैं पर सब कुछ उन पर ही नहीं छोडऩा चाहिए। जिस तरह पानी अपनी विशेषता के कारण सब में मिल कर अपने को उस स्वरूप में ढाल लेता है उसी तरह हमारा व्यवहार भी मिलनसारिता वाला होगा तो हमें भी प्रसिद्धि व सुख कि प्राप्ति होगी।भगवान ने अपने व्यवहार, मिलनसारिता से सभी के दिलों में जगह बनाई वैसे ही आप अपने व्यवहार से सुख की प्राप्ति कर सकते हो।
श्रीमद् भागवत कथा आयोजक परमानंद गेहलोत, मुकेश गेहलोत एवं जयेश गेहलोत ने बताया कि शनिवार को भागवत कथा श्रवण करने वालों का जनसैलाब उमड़ा। कथा स्थल पर भोजन प्रसादी में भी भक्तों द्वारा अनाज का सहयोग दिया जा रहा है। स्थल पर जल की भी समूचित व्यवस्था की गई है जिसमें युवाओं के साथ-साथ बच्चे भी जल सेवा कर रहे हैं। कथा स्थल पर पार्किंग की व्यवस्था 50 से अधिक गौ सेवादार संभाल रहे हैं।
श्रीमद् भागवत कथा गोवर्धन गौशाला समिति के सरदारसिंह सोलंकी, विनोद सोलंकी एवं संतोष नीमचा ने बताया कि भागवत कथा में शनिवार को व्यासपीठ का पूजन सत्यनारायण पटेल, अनूप अग्रवाल, लखन सिसौदिया, लखन पटेल ने किया। कदम वाटिका पर सात दिवसीय कथा सोमवार 8 अप्रैल तक दोपहर 12 से 3 बजे तक आयोजित की जाएगी। वहीं समापन अवसर पर हवन कुंड में आहुतियां भी यजमान परिवार द्वारा समर्पित की जाएगी।