इंदौर। दिगम्बर परंपरा के श्रेष्ठ और शीर्ष संत आचार्य शिरोमणि गुरुवर विद्यासागर जी महाराज की समाधि पर दिगम्बर जैन महासमिति , सामाजिक संसद , पुलक चेतना मंच द्वारा विनयांजलि सभा लश्करी मंदिर , गोराकुंड पर आयोजित की गई । उक्त जानकारी देते हुए सामाजिक संसद के प्रवक्ता मनीष अजमेरा ने बताया की विभिन जिनालयो व संस्थाओं के पदाधिकारियों ने आचार्य को विन्यांजलि अर्पित की।
पूर्व अध्यक्ष कैलाश वेद ने अपने उद्बोधन में कहा की आचार्य ने पूरी संलेखना पूर्वक ,पूरी चेतना के साथ अपने शरीर का त्याग किया । उनकी जिस प्रकार संलेखना पूर्वक समाधि हुई हे उससे जैन सिद्धांत की फताका पूरे विश्व में फहराई हे। महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक बड़जात्या ने कहा की सम्यक दृष्टि , सम्यक ज्ञान , सम्यक चारित्र तीनों उनके चरित्र और व्यक्तित्व में थे । उन्होंने धर्म के सिद्धांतो पर चलकर समाज को अनेक योजनाओं की प्रेरणा दी । शिक्षा , स्वास्थ, रोजगार , जीव दया जेसे कार्यों की प्रेरणा हमेशा समाज को दिशा प्रदान करती रहेगी ।
सर्व भरत मोदी, नरेंद्र वेद , प्रदीप बड़जात्या ,सुरेंद्र बाकलीवाल , नकुल पाटोदी , जैनेश झांझरी , संगीता विनायका, कैलाश लुहाड़िया ,पूर्व डी एस पी डी के जैन , पूर्व पार्षद पवन जैन, महावीर जैन , सुदीप जैन , महावीर झांझरी , प्रवीण पाटनी, वीरेंद्र बड़जात्या , विजय कासलीवाल , सुनील गोधा , अशोक जैन , सुनील जैन ईशान ,आतिश जैन आदि ने विनयांजलि देते हुए आचार्य को चलते फिरते तीर्थ बताते हुए कहा की आचार्य ने दिगम्बर परंपरा को गोरांवित किया हे।
सभा में संजय जैन , दीपक पाटनी, रवि जैन , नीरज जैन , जिनेन्द्र सेठी , महावीर बेनाडा, आकाश पंड्या , पवन पाटोदी , मनोरमा अजमेरा , वैभव कासलीवाल, पदम बाकलीवाल , मुकेश गोधा , राकेश गोधा , आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे
सभा का संचालन मनीष अजमेरा ने किया ,समापन पर शांति पाठ वीरेंद्र बड़जात्या ने किया।