Blast in Harda: मध्यप्रदेश के हरदा जिले में बीते मंगलवार को हुए जोरदार धमाके के बाद से चारो तरफ बस हरदा-हरदा का ही नाम सुनाई दे रहा है। बता दे कि हरदा में हुए कल पटाखा फैक्ट्री के धमाके में 11 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना मिली है। घटना के वक्त का मंजर लोग अपनी आँखों से अभी तक नहीं निकाल पा रही है। कानों में अभी तक लोगों को पटाखे के धमाके की गूंज ही सुनाई दे रही है।
ऐसे में कई गंभीर सवाल लोगों के दिमाग में आ रहे है कि आखिर कौन है 11 लोगों की मौत का सौदागर? जिसने अवैध पटाखा फैक्ट्री के ब्लैक लिस्टेड होने के बावजूद उसमें भर रखा था 15 टन से अधिक बारूद। क्या फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल के दबाव में है प्रशासन? आखिर क्यों नहीं लगी प्रशासन को इस ‘मौत’ की फैक्ट्री के अवैध होने की जानकारी?
इन सब सवालों के बीच हम आपको बताने जा रहे है इस मौत के सौदागार की कहानी। तो आइयें जानते है कुछ उन सुलझे सवालों के जवाब के बारें में कि आखिर कौन है फैक्ट्री का मालिख राजेश अग्रवाल जिसको पुलिस ने अपने भाई के साथ गिरफ्तार कर लिया है। बता दे कि फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद मालिक राजेश फरार हो गया था। फिलहाल तीन लोगों के साथ पुलिस ने राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है जहां उनसे लगातार पूछताछ जारी है।
कौन है ‘मौत’ का सौदागर राजेश अग्रवाल?
हरदा जिले की जिस पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार काे ब्लास्ट हुआ है उसका मालिक राजेश अग्रवाल है। बताया जा रहा है कि हरदा स्थित इस पटाखा फैक्ट्री को राजेश अग्रवाल के साथ-साथ सोमेश अग्रवाल, सोमू और प्रदीप अग्रवाल भी मिलकर चलाते थे। इनमें से राजेश अग्रवाल और भाई सोमेश अग्रवाल को पुलिस ने फिलहाल गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है जब राजेश अग्रवाल फैक्ट्री से जुड़े मामले में जेल गए हो इससे पहली भी वे कई बार जेल जा चुके है।
पिछले 25 सालों से चल रही थी ये फैक्ट्री
आपको जानकार हैरानी होगी कि यह अवैध पटाखा फैक्ट्री हरदा में पिछले 25 सालों से चल रही थी। जिसकी भनक सरकार को अब तक नहीं थी। ऐसे में लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या प्रशासन मालिक के दबाव में था? अवैध होने के बावजूद फैक्ट्री में किसी भी नियमों का पालन नहीं करने की बात भी सामने आई है। इतना ही नहीं फैक्ट्री में हो रही गड़बड़ियों को देखते हुए हरदा एसपी के द्वारा इस फैक्ट्री का लाइसेंस कैंसल करने की भी सिफारिश की जा चुकी है।
फैक्ट्री के बाहर ही बनवा रखा था गोदाम
जैसा की आप सभी जानते होंगे कि पटाखा फैक्ट्रियों को लाइसेंस लेने के साथ ही कई सुरक्षा नियमों का पालन भी करना पड़ता है, जिससे हादसे होने से बचा जा सकता है। परन्तु हरदा की इस फैक्ट्री में किसीभी तरह के नियम का पालन नहीं होता था। इतना ही नहीं इस पटाखा फैक्ट्री के बाहर ही गोदाम मेन रोड पर मालिकों ने गोदाम भी बनवा रखा था। यही वजह रही है कि आग फैक्ट्री से गोदाम में रखे गए पटाखों तक पहुंची और एक के बाद एक जोरदार धमाके से पूरा हरदा जिला दहल उठा, जिसमें 11 जिंदगियां हमेशा के लिए समां गई।
इलाका सील पर मालिक का घर अभी भी सील नहीं
इतना भीषण हादसा होने के बावजूद अब तक प्रशासन आरोपी मालिक के घर तक नहीं पहुंच पाया है। इलाके को सील कर दिया गया है, परन्तु आरोपियों के घरो में अभी भी ताले जड़े हुए है पर घर को सील नहीं किया गया है।