जनगणना में नया ट्विस्ट, इस बार होगा कुछ बिलकुल अलग और ख़ास, जानिए क्या है नया ऑप्शन

भारत में जनगणना और जातिगत जनगणना की अधिसूचना जारी कर दी गई है, जिससे यह प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है। पहली बार दोनों जनगणनाएं साथ होंगी और अंतिम चरण फरवरी 2027 से शुरू होकर 1 मार्च तक पूर्ण होगा।

Abhishek Singh
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भारत की कुल जनसंख्या कितनी है? इसमें हिन्दू, मुसलमान और अन्य धर्मों के लोगों की हिस्सेदारी क्या है? विभिन्न जातियों की सामाजिक स्थिति कैसी है? इन तमाम सवालों के जवाब जल्द ही सामने आने वाले हैं। केंद्र सरकार ने देशव्यापी जनगणना को लेकर औपचारिक घोषणा कर दी है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके बाद जनगणना की तैयारियों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

अधिसूचना जारी होते ही जनगणना की प्रक्रिया औपचारिक रूप से आरंभ हो जाती है। इस बार जनगणना और जातिगत जनगणना एक साथ कराई जाएगी। सूत्रों के अनुसार, 16 जून को अधिसूचना जारी होते ही दोनों प्रक्रियाएं तुरंत शुरू की जाएंगी। वहीं, जनगणना का दूसरा और अंतिम चरण फरवरी 2027 में आरंभ होकर 1 मार्च तक पूरा किया जाएगा।

1 मार्च से जारी होंगे आंकड़े

जनगणना की तैयारियों के तहत विभिन्न एजेंसियां फरवरी 2027 तक अपने-अपने कार्यों में सक्रिय हो जाएंगी। इस दौरान स्टाफ की नियुक्ति, प्रशिक्षण, फॉर्मेट तैयार करना और घर-घर जाकर आंकड़ों का संग्रह जैसी प्रक्रियाएं शामिल होंगी। इसके बाद 1 मार्च से जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराए जाने लगेंगे।

खुद दर्ज कर सकेंगे अपनी जानकारी

2022 में जनगणना अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद नागरिकों को यह सुविधा मिली है कि वे ऑनलाइन माध्यम से स्वयं और अपने परिवार से जुड़ी जानकारी दर्ज कर सकेंगे। यह देश की पहली डिजिटल जनगणना के रूप में आयोजित की जाएगी।

इसके लिए भारत के महापंजीयक (ORGI) द्वारा ‘सेल्फ एन्यूमरेशन पोर्टल’ नामक एक विशेष वेब पोर्टल विकसित किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से नागरिक अपने परिवार के सभी सदस्यों की जानकारी दर्ज कर सकेंगे और आवश्यकतानुसार उसमें संशोधन भी कर पाएंगे। हालांकि, जनगणना की प्रक्रिया शुरू होने से कुछ दिन पहले यह पोर्टल अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा ताकि अंतिम आंकड़ों का संकलन किया जा सके।

डिजिटल इंडिया की ओर जनगणना का नया कदम

इस बार की जनगणना कई दृष्ट‍ियों से विशेष रहने वाली है, क्योंकि इसमें नागरिकों को एक नया और महत्वपूर्ण विकल्प दिया जा रहा है। यह विकल्प है सेल्फ एनुमरेशन का, जिसके तहत लोग अब स्वयं अपनी और अपने परिवार की जानकारी ऑनलाइन देख सकेंगे और उसमें आवश्यक अपडेट भी कर सकेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की। गृह मंत्रालय ने बताया कि 2027 में प्रस्तावित यह जनगणना पूरी तरह डिजिटल स्वरूप में होगी। डेटा संग्रहण और ट्रांसमिशन को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय किए गए हैं, जिससे नागरिकों की जानकारी गोपनीय बनी रहे।