इंदौर साफ़-सफाई में नंबर 1 है। मगर अब ट्रैफिक में भी शहर पहला पायदान हासिल करना चाहता है। जिसके चलते इंदौर प्रशासन अब कई तरफ के नए नियम लागू कर रहा है। इंदौर में लगातार ट्रैफिक समस्या बढ़ती जा रही है। लोगों को आवागमन में कई तरफ की बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। मगर इंदौर प्रशासन ने ट्रैफिक समस्या को कम करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है।
प्रशासन ने कहा कि अब ई रिक्शा हर सड़क पर नजर नहीं आएंगे। सिर्फ तय रुटों से ही यात्री बैठ सकेंगे। इंदौर प्रशासन के अनुसार इंदौर के 23 मार्गों पर ई रिक्शा के लिए रुट दिए गए है। हर रुट के हिसाब से ई रिक्शा चालकों को नंबर दिए गए है। यदि कोई ई रिक्शा किसी दूसरे रस्ते पर नजर आती है तो उस पर सख्त एक्शन भी लिया जा सकेगा।
मगर प्रशासन के इस फैसले पर ई रिक्शा चालकों में आक्रोश है। ट्रैफिक सुधारने के नाम पर जिला प्रशासन ने जो रुट तय करने जा रहा है उसको लेकर ई रिक्शा चालकों में आक्रोश है। रूट तय करने का अधिकार आरटीओ को नहीं है। नो बैटरी ऑटो व्हीकल जोन से कई बैटरी चालक के रोजगार छीन जाएंगे, मुख्यमंत्री को बैटरी रिक्शा की चाबी वापस करेंगे।
उक्त आरोप लगाते हुए इंदौर बैटरी रिक्शा चालक महासंघ के संस्थापक राजेश बिडकर, झोन अध्यक्ष आदित्य पवार, महिला अध्यक्ष अर्चना शर्मा, मनोज दरेकर ने पत्रकार वार्ता में बताया है कि शहर जब ई रिक्शा लॉन्च करी थी। तब जिला प्रशासन ने हम सभी को आश्वासन दिया था कि बैटरी ऑटो पूरे शहर में चलेगी, इसके लिए परमिट और रूट की व्यवस्था नहीं थी। परंतु अब नए नियम लाकर बैटरी रिक्शा चालकों का संचालन करना मुश्किल हो जाएगा।
इंदौर शहर में 5500 बैटरी ऑटो रिक्शा इंदौर आरटीओ में रजिस्टर्ड है। गरीब लोगों ने इधर-उधर से कर्जा कर स्वयं का रोजगार शुरू किया परंतु यह रूट का नियम आने के बाद में व्यापार व्यवसाय ठप हो जाएगा। एक रूट पर 300 गाड़ियां चलेगी रूट तय करने का पूर्व ई रिक्शा यूनिचन को विश्वास में नहीं लिया गया, शहर का यातायात सुगम बने यह हम भी चाहते हैं।
परंतु सभी के लिए ट्रैफिक कानून समान हो यह भी हम चाहते हैं यातायात सुधार के नाम पर सिर्फ गरीबों को टारगेट बनाया जा रहा है। जहां एआईसीटीएल की बस ओवरलोड चल रही है इंदौर के ट्रैफिक में व्यवधान पैदा कर रही है। उन पर कार्रवाई की जगह बैटरी ऑटो रिक्शा चालकों को तीन और पांच किलोमीटर का रूट दिया जा रहा है।