Bharat Ratna Karpoori Thakur : भारत सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। कर्पूरी ठाकुर को ‘जननायक’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बिहार के गरीबों और पिछड़ों के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए। उन्हें ‘गरीबों का मसीहा’ कहा जाता है।
कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी, 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिले के एक छोटे से गांव पितौंझिया में हुआ था। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वे छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थे।
कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में दो बार मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उनके पहले कार्यकाल में उन्होंने ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ के नारे के साथ गरीबों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू कीं। उन्होंने ‘बेगम रजिया’ और ‘महात्मा गांधी’ जैसी योजनाओं के तहत गरीबों को मुफ्त राशन, कपड़ा और मकान दिए।
कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण सुधार किए। उन्होंने ‘पढ़े लिखे बनो, गरीबों का बनो’ का नारा दिया। उन्होंने बिहार में कई नए स्कूल और कॉलेज खोले। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार किया।
कर्पूरी ठाकुर एक महान समाजसेवी और लोकप्रिय नेता थे। उन्हें ‘गरीबों का मसीहा’ कहा जाता है। उनके निधन के बाद भी बिहार के लोग उन्हें आज भी याद करते हैं। ‘भारत रत्न’ भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इसे भारत सरकार द्वारा देश के लिए उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है।