उत्तराखंड में बड़ा हादसा, केदारनाथ के पास गौरीकुंड में हेलिकॉप्टर क्रैश, 7 लोगों की मौत

केदारनाथ से फाटा लौटते समय गौरीकुंड और त्रियुगीनारायण के बीच एक हेलीकॉप्टर हादसे में पांच तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। यह हादसा खराब मौसम के बावजूद उड़ान की अनुमति दिए जाने पर गंभीर सवाल खड़े करता है। हाल ही में यह दूसरी बड़ी घटना है, जिससे एविएशन कंपनियों और प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं।

Srashti Bisen
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केदारनाथ धाम में एक बार फिर हेलीकॉप्टर हादसे का दर्दनाक मंजर सामने आया है। गौरीकुंड और त्रियुगीनारायण के बीच एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया, जो श्रीकेदारनाथ से फाटा लौट रहा था। शुरूआती जानकारी के मुताबिक हादसे में पांच तीर्थयात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई। ये हैलीकाप्टर आर्यन कम्पनी का बताया जा रहा है।

ये थे हेलीकॉप्टर में सवार

  • 1. श्रद्धा राजकुमार जायसवाल (35 वर्ष) – महाराष्ट्र
  • 2. काशी (2 वर्ष) – महाराष्ट्र
  • 3. राजकुमार सुरेश जायसवाल (41 वर्ष) – गुजरात
  • 4. विक्रम (बीकेटीसी, केदारनाथ) – उत्तराखंड
  • 5. विनोद देवी (66 वर्ष) – उत्तर प्रदेश
  • 6. तुष्टि सिंह (19 वर्ष) – उत्तर प्रदेश
  • 7. कैप्टन राजवीर सिंह चौहान (पायलट)

केदारनाथ धाम से वापस लौट रहे हेलीकॉप्टर के क्रैश होने की सूचना मिलते ही दुर्घटना स्थल पर रेस्क्यू टीमें पहुंची। बता दे कि हेलीकॉप्टर पूरी तरह जल चुका हैं, सभी 7 शव बचाव टीम द्वारा रिकवर कर लिए गए हैं| SDRF, NDRF व जिला पुलिस राहत कार्य में लगे हुए हैं।

सबसे गंभीर सवाल यह है कि खराब मौसम के बावजूद हेलीकॉप्टरों को उड़ान की अनुमति कैसे दी जा रही है? लगातार हो रही इन दुर्घटनाओं के बावजूद न तो एविएशन कंपनियों पर कोई ठोस कार्रवाई हो रही है, न ही प्रशासन की ओर से कोई सख्ती दिखाई दे रही है।

इस सप्ताह की यह दूसरी बड़ी घटना है। कुछ दिन पहले ही एक हेलीकॉप्टर आपात स्थिति में सड़क पर उतरा था, और उससे पहले बेस कैंप हेलीपैड पर भी हादसा हुआ था। सवाल यह है कि जब मौसम साफ नहीं था, तो उड़ान की इजाज़त किसने दी? आखिर यात्रियों की जान की ज़िम्मेदारी कौन लेगा?