– सतीश जोशी
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार में, जिस परिवार से देश को एक उपराष्ट्रपति मिला, उसी खानदान का जाया मुख्तार अंसारी भारी सुरक्षा बल के बीच रोहतक पंजाब से बांदा उत्तरप्रदेश के लिए निकला है। राजनीतिक संरक्षण की यह बारात उत्तरपदेश से रोहतक गयी थी।अब यह दूल्हा, अपनी निर्लज्ज व्यवस्था की दुल्हन के साथ बांदा पहुंच रहा है।
इस दुल्हे की बारात की अगवानी कांग्रेस की सत्ता अमरिन्दर सिंह ने गाजा बाजे के साथ की थी। करती भी क्यों नहीं इस दुल्हे का रिश्तेदार पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी जो है। राजनीतिक आका मुलायम सिंह और अखिलेश ने इस बारात की वरनिकासी जो की थी। व्यवस्था की निर्लज्ज दुल्हन ने क्या- क्या खेल किए थे । बारात एक एम्बुलेंस में रोहतक गयी थी, जिस पर एम्बुलेंस के मालिक ने मना कर दिया कि यह दुल्हे का वाहन मेरा नहीं है।
अलका तो अलका है, करती भी क्या योगी का तप ही कुछ ऐसा है। पहले तो अमरिन्दर सिंह इस दुल्हे को घरजवाई बनाने पर अडे रहे , पीहरवाले चाहते थे कि कांग्रेस, बसपा, समाजवादी राजनीति का पाला पोसा दुल्हा अपनी निर्लज्ज व्यवस्था की दुल्हन के साथ घर लौटे । पर कांग्रेस की सुकर्म राजनीतिक सत्ता मानी ही नहीं। अंततः योगी आदित्यनाथ ने अदालत का दरवाजा खटखटाया तब जाकर राजनीति का यह कलुषित दुल्हा अपनी निर्लज्ज दुल्हन के साथ रवाना हुई। अब उत्तरप्रदेश की भगवा ब्रिगेड इसके स्वागत-सत्कार को आतुर है। देखने का आनंद होगा जब मुंह दिखाई में 56 पकवान की बजाय 56 अपराधों का भोग चढाया जाएगा।