Mahakal Mandir : 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकाल जो की उज्जैन नगरी में विराजमान है, जिनके दर्शन करने के लिए रोजाना हजारों की संख्या में भक्त दूर-दूर उज्जैन में आते हैं। देश ही नहीं विदेशों से भी लोग बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए आते हैं।
बाबा महाकाल दुनिया भर में काफी ज्यादा फेमस है। बाबा महाकाल के द्वार पर आने वाला कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं जाता है। सावन मास में बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली जाती है, जिसको देखने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
बता दें कि, भाद्रपद माह की तरह बाबा महाकालेश्वर भगवान की कार्तिक माह में पहली सवारी 20 नवंबर सोमवार को निकाली गई। सवारी निकलने से पहले मंदिर के सभामंडप में भगवान मनमहेश का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। पूजन शासकीय पुजारी घनश्याम शर्मा द्वारा किया गया।
इस दौरान बड़ी संख्या में सवारी जैसे ही मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची, पालकी में विराजित भगवान को पुलिस के जवानों द्वारा सलामी दी गई। भगवान श्री मनमहेश अपनी प्रजा का हाल जानने भ्रमण पर निकले। कार्तिक माह की प्रथम सवारी विधिवत पूजन-अर्चन के बाद बाबा महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी होते हुए रामघाट क्षिप्रा तट पहुंची।
जहां पर भगवान श्री मनमहेश का मां क्षिप्रा के जल से अभिषेक किया गया। भगवान श्री मनमहेश की सवारी के आगे-आगे तोपची कड़ाबीन के माध्यम से राजाधिराज के आगमन की सूचना देते हुए चल रहे थे। वहीं कार्तिक माह की द्वितीय सवारी 27 नवम्बर को निकाली जाएगी। वैकुंठ चतुर्दशी शनिवार 25 नवंबर 2023 को रात 11 बजे हरिहर मिलन की सवारी निकाली जाएगी।