इंदौर। सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल देसाई ने कहा की इस बिल में लिखा है कि यह आरक्षण तभी लागू होगा, जब परिसीमन हो जाएगा।परिसीमन तब होगा, जब जनगणना पूरी होगी। यानी महिला आरक्षण से पहले दो अनिवार्य शर्त रखी गई हैं।एक- जनगणना, दूसरा- परिसीमन।यानी, यह प्रक्रिया जब तक नहीं पूरी होगी, तब तक महिला आरक्षण लागू ही नहीं होगा। लेकिन मैं यह चाहता हूं कि बाद में गृहमंत्री जी यह न कहें कि- यह एक चुनावी जुमला था। सवाल ये है कि महिला आरक्षण को जनगणना और परिसीमन से जोड़ने की जरूरत नहीं है। हमने बिल का विरोध किया लेकिन आपने कृषि कानून पास किया। किसान आंदोलन में 750 से ज्यादा किसानों की जान चली गई। इसके बाद भी आपने कानून पास किया।
आप लोग हमसे पूछते हैं कि- हमने क्यों नहीं किया? तो मैं पूछता हूँ: आपने 10 साल से क्यों नहीं किया?
महिला आरक्षण से पहले दो अनिवार्य शर्ते रख दी गई हैं, census और उसके बाद delimitation सवाल यह है कि महिला आरक्षण को census और delimitation से जोड़ने की क्या ज़रूरत थी? जब हम पंचायतों में और नगर निकायों में आरक्षण दे सकतें हैं, तो इसके लिए census की क्या ज़रुरत? हमारी मांग है कि सरकार इसके राह की सारी रुकावटों को दूर करके इसे जल्दी से जल्दी लागू करे। इस आरक्षण बिल में SC और ST महिलाओं के आरक्षण के लिए प्रावधान हैं। परंतु, एक बड़ा महिला वर्ग, Other Backward Classes (OBC), अभी भी राष्ट्र-निर्माण और राजनीति से बाहर है।
क्या आप उन महिलाओं को सबके साथ लेकर नहीं चलना चाहते ?
इस बिल में OBC को आरक्षण नहीं है, जो OBC वर्ग की महिलाएं हैं, उन्हें आरक्षण नहीं मिलेगा। अगर OBC वर्ग की महिलाओं को आरक्षण देना है तो संविधान संशोधन करके या फिर इसी में बदलाव लाकर दिया जा सकता है।ऐसे में आप OBC वर्ग की महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं दे रहे हैं? क्या आप उनको पीछे धकेलना चाहते हैं?