रक्षाबंधन का त्यौहार हिंदू धर्म में क्यों मनाया जाता है, क्या है इसका इतिहास जानें!

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राखी एक पारंपरिक हिंदू त्यौहार है जिसमें बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके लिए शुभकामनाएँ देती हैं। यह त्यौहार बंधन की बदलती दुनिया में भाई-बहन के प्रेम और बंधन को मनाने का एक विशेष माध्यम है।

इसका इतिहास प्राचीन भारतीय संस्कृति में मौखिक और लिखित परंपराओं के माध्यम से पाया जाता है। एक प्रमुख कथा के अनुसार, महाभारत काल में द्रौपदी ने कृष्ण को राखी बांधी थी जो उनके द्वारका आने के बाद उन्हें सहायता प्रदान करने का एक दृष्टिकोण था।

भगवान कृष्ण ने युधिस्तिर को ये सलाह दी की महाभारत के लढाई में खुदको और अपने सेना को बचाने के लिए उन्हें राखी का जरुर से उपयोग करना चाहिए युद्ध में जाने से पहले। इसपर माता कुंती ने अपने नाती के हाथों में राखी बांधी थी वहीँ द्रौपधी ने कृष्ण के हाथो पर राखी बांधी थी।

राखी का त्योहार भाई-बहन के आपसी संबंध को मजबूत करने के अलावा, समाज में एकता, सद्भावना और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का भी माध्यम होता है। यह एक परंपरागत तरीका है जिससे लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ गहरे बंधन बना सकते हैं और समरसता की भावना को बढ़ावा देते हैं।

त्योहार के दिन, बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उनके लिए शुभकामनाएँ देती हैं। भाई बहन को उपहार भी देते हैं और उनके साथ वक्त बिताने का आदर करते हैं। यह त्योहार भाई-बहन के बीच प्रेम, सम्मान और खुशी की भावनाओं को व्यक्त करने का अवसर होता है।