पहले के मुकाबले पाचन और और पेट से संबंधित समस्याओं में बढ़ोतरी हुई है, पहले जो समस्या 40 की उम्र में देखने को मिलती थी अब वह 20 की उम्र में देखने को आती है सामने, डॉक्टर हर्षल शाह डीएनएस एंड एमिनेंट हॉस्पिटल

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इंदौर। कोविड के बाद से पेट और पाचन से संबंधित कई प्रकार की बीमारियों में वृद्धि देखी गई है। वहीं लीवर से संबंधित समस्या भी बहुत ज्यादा देखने को मिल रही है। लोगों में पीलिया, कब्जियत, पाचन से संबंधित और अन्य प्रकार की बीमारियां देखने को सामने आ रही हैं। पहले के मुकाबले अब लोगों कि इम्यूनिटी भी बहुत ज्यादा कमजोर हो गई है। पहले जो खाना हम आसानी से पचा लेते थे उसे अब पचाने में दिक्कत होती है। जिन व्यक्तियों को कोविड हुआ था और उन लोगों में रेमदेसीविर इंजेक्शन लगा था उनमें इस प्रकार की समस्या बहुत ज्यादा देखने को सामने आ रही है। वही हमारी लाइफ स्टाइल में बदलाव के चलते प्रॉपर खानपान नहीं होना, एक्सरसाइज, फास्ट फूड का चलन, खाने के तुरंत बाद सोना, मानसिक तनाव और अन्य कारणों से लोगों में फैटी लीवर, आईवीएस, पाचन संबंधी समस्या और अन्य बीमारियां देखने को सामने आ रही है। सबसे बड़ा चिंता का विषय यह है कि पहले इस प्रकार की समस्याएं 40 की उम्र के बाद लोगों में देखने को मिलती थी जो कि आजकल 20 साल की उम्र के बच्चों में भी देखने को मिल रही है।

यह बात डॉक्टर हर्षल शाह ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही वह शहर के प्रतिष्ठित डीएनएस, शेल्बी एंड एमिनेंट हॉस्पिटल में गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं साथ ही आनंद बाजार स्थित अपने क्लीनिक गैस्ट्रो एंड लिवर हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

सवाल. पाचन संबंधित समस्या के बढ़ने का क्या कारण है, क्या हमारे खान-पान का असर इस पर होता है?

जवाब. पाचन की शुरुआत हमारे पेट से होती है इस प्रक्रिया में हमारे पेट से निकलने वाला एसिड हमारे भोजन में मिलकर इसे छोटे-छोटे खंड में तब्दील कर देता है और इसे पचा देता है। हमारी बदलती जीवन शैली का असर हमारी पाचन संबंधित समस्या को बढ़ावा दे रहा है। खानपान में मसालेदार खाना, फास्ट फूड, जंक फूड का इस्तेमाल साथ ही लाइफस्टाइल में बदलाव के चलते एक्सरसाइज कम होना और अन्य कारणों से पाचन संबंधी समस्या देखने को सामने आती है। बाहरी खाने में जो ऑयल इस्तेमाल किया जाता है उसमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा बढ़ जाती है। जिसे पचाना मुश्किल हो जाता है और पाचन संबंधित समस्या सामने आती है।इसके चलते लोगों में पेट दर्द होना, पेट फूलना, डकारे आना, लूज मोशन, कब्जियत और अन्य प्रकार की समस्या देखने को सामने आती है। इन सब चीजों से बचने के लिए हमें खानपान में ऐसी चीजों से एहतियात बरतनी चाहिए।

सवाल. लिवर से संबंधित समस्या किन कारणों से बढ़ती है क्या यह बीमारी हमारी बुरी आदतों के चलते सामने आती है?

जवाब. लिवर से संबंधित समस्या की अगर बात की जाए तो इससे संबंधित समस्या में इजाफा हुआ है। जिसमें फैटी लीवर के केस ज्यादा बढ़ रहे हैं। वर्तमान समय में जंक फ़ूड और अन्य कारणों से फैटी लीवर के केस ज्यादा देखे जा रहे हैं। इसमें अतिरिक्त चर्बी हमारे लिवर में जमा हो जाती है और लीवर में सूजन आ जाती है। जिस वजह से खाना नहीं पच पाता है साथ हु पीलिया जैसी समस्या भी इस कारण से देखी जाती है। आगे चलकर यह लिवर सिरोसिस और लीवर फेलियर का कारण बनता है। वही लिवर में हमारी बुरी आदतों के चलते अन्य प्रकार की समस्या देखी जाती है कई बार लोगों में अल्कोहल के ज्यादा सेवन से लिवर डैमेज होने की समस्या सामने आती है। ऐसे में पेट में पानी भरना, पांव में सूजन, खून की उल्टी होना जैसे लक्षण देखे जाते है। लीवर से संबंधित बीमारी में कई लोगों में आंखों का लाल होना, पीलिया, शरीर मैं खुजली और अन्य समस्या देखी जाती है। हमारी आदतों में बदलाव और लक्षणों को शुरुआती समय पर पकड़ कर ट्रीटमेंट की मदद से काफी हद तक इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।

सवाल. पित्त की थैली में स्टोन बनने की समस्या क्या है यह किस कारण से होती है ?

जवाब. पिछले कुछ सालों में लोगों में पित्त की थैली में पथरी से संबंधित समस्या में बढ़ोतरी हुई है। आमतौर पर पानी की मात्रा में कमी और हमारे भोजन में कोलेस्ट्रोल की मात्रा ज्यादा होने के चलते इस प्रकार की समस्या सामने आती है। पहले यह एक हार्मोन प्रॉब्लम थी जो कि महिलाओं में ज्यादा पाई जाती थी लेकिन अब पुरुष में और महिलाओं में बराबर मात्रा में पाई जाती है। कई बार पित्त की थैली में पाई जाने वाली पथरिया लीवर के ट्यूब को ब्लॉक कर देती है। वही इस वजह से कई बार पेशेंट को भारी दर्द होता है और साथ ही पीलिया की समस्या सामने आती है। इस समस्या से निजात के लिए हमारे द्वारा स्पेशल एंडोस्कोपी इआरसीपी की जाती है जिसके माध्यम से फंसे हुए स्टोन को निकाला जाता है। इस वजह से पेशेंट को दर्द और पीलिया जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है।

सवाल. आपने अपनी मेडिकल फील्ड की पढ़ाई किस क्षेत्र में और कहां से पूरी की है ?

जवाब. मैने अपने एमबीबीएस की पढ़ाई शहर के प्रतिष्ठित एमजीएम मेडिकल कॉलेज से पूरी की उसके बाद एमडी मेडिसिन की पढ़ाई भी एमजीएम मेडिकल कॉलेज से ही पूरी की है। मैंने एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी हैदराबाद से मैंने पेट और लीवर में सुपर स्पेशलाइजेशन किया है। मैने लंदन के रॉयल कॉलेज आफ फिजिशियंस की मेंबरशिप के एग्जाम भी क्वालीफाई की है। साथ ही यूरोपियन बोर्ड के डिप्लोमा को भी मैने क्वालीफाई किया है। मैं अमेरिकन कॉलेज ऑफ़ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी का सदस्य हूं साथ ही इंडिया की नेशनल अकैडमी ऑफ़ मेडिकल साइंस का भी में सदस्य हुं। उसी के साथ में देश की गैस्ट्रो और अन्य संस्थाओं में मेंबर के रूप में रजिस्टर्ड हूं। अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद मैंने शहर के प्रतिष्ठित मुंबई हॉस्पिटल मैं अपनी सेवाएं दी है वहीं वर्तमान में में शहर के प्रतिष्ठित शेल्बी हॉस्पिटल डीएनएस, एमिनेंट हॉस्पिटल मैं अपनी सेवाएं दे रहा हूं।साथ ही में अपने आनंद बाजार स्थित गैस्ट्रो एंड लिवर हॉस्पिटल में भी अपनी सेवाएं देता हूं।