इंदौर: घर की साफ-सफाई की तरह ही प्रतिदिन मन की भी सफाई आवश्यक है। मन ईश्वर की बहुत ही अद्भुत ऊर्जा और शक्तियों से युक्त चैतन्य रचना है। व्यर्थ, नकारात्मक और साधारण विचारों से मन भारी और बोझिल तथा सकारात्मक , शक्तिशाली, श्रेष्ठ, शुद्ध विचारो से मन में ख़ुशी, शांति और आनंद की अनुभूति होती है।
उक्त विचार गोविन्द वल्लभ पंत इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल एजूकेशन एंड रिसर्च नई दिल्ली के कार्डिओलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ मोहित गुप्ता ने ’डिज़ाइन योर डेस्टिनी ’विषय पर बोलते हुए कल व्यक्त किये। कार्यक्रम का आयोजन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ज्ञान शिखर के ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाई जी सभागार में चिकित्सकों के लिए किया गया था।
उन्होंने कहा की जिस तरह प्रतिदिन उपयोग के पश्चात् मोबाइल ,कंप्यूटर या लैपटॉप को चार्ज किया जाता है, उसी तरह हमारे मन को भी प्रतिदिन राजयोग मैडिटेशन के अभ्यास से रीचार्ज करना जरुरी है। हमारा मन अद्भुत शक्तियों और ऊर्जा का चैतन्य स्रोत है। उन्होंने कहा की जीवन में सरलता को अपनाने से सफलता मिलती है और कई कठिनाइयाँ तथा जटिलताए समाप्त हो जाती है। भागदौड़ की जिंदगी और अति व्यस्तताएँ मन में अशांति ,तनाव पैदा करती है। इससे हमारी सोच और मनोवृति ही बन गई है की मैं ’ बीजी ’(busy) हूं, इसके बजाय ’ बी इजी ’ (be easy ) की सोच को मानसिकता बनाये। अपने राजयोग मेडिटेशन पर किये गए। अनुसन्धान की चर्चा करते हुए डॉ गुप्ता ने कहा कि इससे आनुवांशिकी प्रभावों में बदलाव किया जा सकता है। मेडिटेशन में हम पहले खुद से, असीम ऊर्जा के स्रोत ईश्वर से जुड़ते (कनेक्ट ) है। फिर परिवार, मित्र, सम्बन्धियों तथा समाज से जुड़ने की प्रेरणा देता है। यही जीवन में ख़ुशी, शांति और आनंद लाने और तनाव अशांति से मुक्त होने की सर्वोत्तम विधि है।
उन्होंने कहा कि, जीवन में आने वाली समस्त समस्याओं का कारण मेरे पूर्व जन्मों का कार्मिक अकाउंट है जिसे खुशी-खुशी मुझे ही इस जीवन में शक्तिशाली मन से चुक्तू करना है। मन की खुशी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिदिन हमारे मन में 50000 से 70000 विचार उत्पन्न होते हैं जिसमें से कि 90 प्रतिषत साधारण, व्यर्थ, नकारात्मक विचार होते है जो कि मन की शक्ति को क्षीण करते हैं तथा उदासी, हताशा, अशांति, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, क्रोध का अनुभव कराते हैं। इसलिए इन साधारण और नकारात्मक विचार रूपी मन के कचरे की सफाई प्रतिदिन आवश्यक है। इसके लिए प्रतिदिन 10 या 20 मिनट ध्यान साधना मेडिटेशन आदि से मन को सकारात्मक और शक्तिशाली सुखद विचारों से रिचार्ज करें तो खुशी शांति और आनंद की जीवन में अनुभूति होगी।
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कार्यक्रम में इंदौर मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अनिल भदौरिया ने डॉ. मोहित गुप्ता का स्वागत किया और शुभकामनाएं दी । प्रारंभ में ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने चिकत्सकों एवं गणमान्य लोगों का स्वागत किया और कहा कि हमारे विचारों का बोल के साथ, कर्मों के साथ गहरा कनेक्शन है। सकारात्मक विचार से जीवन को दिव्यता, पवित्रता, श्रेष्ठता से भरपूर कर देव तुल्य बना सकते हैं । ज्ञानशिखर शिखर परिसर में प्रतिदिन नियमित राजयोग मेडिटेशन सिखाया जाता है । कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर शिल्पा देसाई शैल्बी हॉस्पिटल इंदौर ने किया तथा आभार डॉ संगीता टावरी ने माना। प्रारंभ में दिव्य जीवन कन्या छात्रावास की बालिकाओं ने स्वागत नृत्य से अतिथियों का स्वागत किया।