डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए टेक्नोलॉजी और लाइफस्टाइल पर करना होगा काम

mukti_gupta
Published on:

इंदौर . डायबिटीज के प्रबंधन में जहां एक ओर तकनीक का महत्व बढ़ता जा रहा है वहीँ दूसरी ओर जीवनशैली को बेहतर करना अभी भी महत्त्वपूर्ण चुनौती है. यह डायबिटीजइंडिया 2023 कॉन्फ्रेंस के तीसरे और अंतिम दिन दोपहर तक चले सत्रों में निकल कर सामने आया. डायबिटीजइंडिया 2023 कॉन्फ्रेंस के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. भरत साबू ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस के दौरान, विशेषज्ञों ने डायबिटीज से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, उपचार विधियों और रोग संबंधी जानकारी को साझा किया। आज तीसरे और अंतिम दिन कई कार्यशालाएं हुईं जिसमें इन्सुलिन और डायबिटीज टेक्नोलॉजी की वर्कशॉप मुख्य रही। इंदौर में संभवतः पहली बार इन्सुलिन पंप पर एक वर्कशॉप आयोजित की जो आकर्षण का केंद्र रही। नए शोध भी चर्चा में रहे। 400 से अधिक शोध पत्रों में से 10 शोध पत्र चुने गए और उन्हें विशेषज्ञों द्वारा डॉक्टर्स के बीच प्रस्तुत किया गया।

नॉएडा से आए विशेषज्ञ डॉ. अमित गुप्ता ने अपने व्याख्यान में डायबिटीज टेक्नोलॉजी पर फोकस रखा। डॉ. गुप्ता के अनुसार डायबिटीज के इलाज में हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, एप्स यानि टेक्नोलॉजी का महत्व बढ़ता जा रहा है ताकि मरीजों की जीवन शैली बेहतर हो सके। आधुनिक ग्लूकोमीटर्स, इंसुलिन पम्प्स, कंटीन्यूअस ग्लूकोस मॉनिटरिंग सिस्टम्स, एक्सरसाइज ऐप्स, लाइफस्टाइल ऐप्स, डाइटिंग ऐप्स और कई टूल्स का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है जिससे डॉक्टरों को इलाज में और मरीजों को मैनेजमेंट में मदद मिलती है।

इंसुलिन पंप के बारे डॉ. गुप्ता ने बताया कि- इंसुलिन पंप अब नए नहीं हैं, और इनमें लगातार सुधार हो रहा है। आधुनिक इंसुलिन पंप छोटी, कम्प्यूटरीकृत, स्वचालित डिवाइस होती हैं जिनका उपयोग डायबिटीज के पेशेंट्स में निरंतर ग्लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) और उसके आधार पर जरूरत के मुताबिक़ इंसुलिन पहुंचाने का कार्य कुशलता से करती हैं। इस डिवाइस को आमतौर पर बेल्ट में या जेब में रखा जाता है और एक छोटी ट्यूब कैनुला से जुडा होता है। कैनुला का दूसरे सिरे को त्वचा के नीचे एक पैच की मदद से स्थापित कर दिया जाता है, जिस से सीधे शरीर में सटीक मात्रा में इंसुलिन पहुंचा दी जाती है।

इंसुलिन पंप को पूरे दिन लगातार और जरूरत के मुताबिक़ इंसुलिन देने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है। जिसके चलते हाइपोग्लाइसीमिया का जोखिम कम हो जाता है। इस सब से मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर किया जा सकता है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इंसुलिन पंप डायबिटीज के सभी मरीजों के लिए उपयुक्त नहीं हैं और सारे इंश्योरेंस स्कीम्स में कवर नहीं किए जा सकते हैं।

कानपुर से आईं डॉ. मनीषा गुप्ता ने बताया कि अनियंत्रित शुगर यानि डायबिटीज में एंडोक्राइन से जुड़े कई सारे प्रॉब्लम्स होते हैं खासकर थाइरॉइड का बढना या कम होना, ऑस्टियोपोरोसिस यानि हड्डियों का कमज़ोर होना, और आइसोलेटेड टेस्टोस्टेरोन कम होना. ऑस्टियोपोरोसिस के मामलों में पेशेंट्स को कैल्शियम और विटामिन डी सप्लीमेंट्स के रूप में दिए जाने चाहिए. आइसोलेटेड टेस्टोस्टेरोन कम हो जाने की वजह से दोनों पुरुषों व महिलाओं में सेक्स संबंधी समस्याएं होती हैं, जिसे शर्म या हिचकिचाहट की वजह से अपने डॉक्टर को नहीं बता पाते. कभी कभी यह जाने बगैर कि ये समस्याएं डायबिटीज की वजह से हैं, वर्षों तक गलत सलाह से इलाज करते रहते हैं.

खान – पान में के बारे में बदलाव लाने की जरूरत पर डायटीशियन डॉ. विनीता जायसवाल ने कहा कि हमारे खान – पान में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा और प्रोटीन कम होता है। काउंसलिंग कर के हम एक ऐसा बैलेंस्ड न्यूट्रिशन सुझाते हैं कि हमारे भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट आदि की आवश्यक मात्रा हो। सभी को कुल भोजन का कम से कम 20 प्रतिशत प्रोटीन का सेवन रोज करना चाहिए जो आम तौर पर 10 प्रतिशत भी नहीं होता है। मिलेट को गेहूं व चावल की जगह लेना चाहिए, साथ ही दालों को भी अपने नियमित आहार में शामिल करना होगा। एक आदर्श डाइट की बात करे तो हर किसी की डाइट शरीर के हिसाब से अलग अलग होती है। एक मेहनत करने वाले व्यक्ति को करीब 2500 किलो कैलोरी और डेस्क जॉब करने वालों को 1500 से 1800 कैलोरी रोजाना लेनी चाहिए। भोजन में 50-55 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए, 20 प्रतिशत के आस पास कैलोरिज प्रोटीन से आनी चाहिए और बची हुई 25-30 प्रतिशत फैट से आनी चाहिए। कैलोरी की आवश्यकता हमारी एक्टिविटी, उम्र, काम और दिनचर्या कर आधारित है।

Also  Read : Madhya Pradesh : अस्पताल ने कोरोना के कारण शख्स को किया मृत घोषित, 2 साल बाद ज़िंदा घर लौटा

भोपाल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पी. सी. मनोरिया ने 80 वर्ष तक स्वस्थ रहने का एक फ़ॉर्मूला साझा किया। उनका कहना है कि – वेस्ट लाइन 80 सेंटीमीटर होनी चाहिए। डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 80 होना चाहिए। ब्लड शुगर 80 होनी चाहिए। तीन दिन में कम से कम 80 मिनट चलना चाहिए। यदि शराब पीते है तो तीन दिन में 80 एमएल ले सकते हैं। सिगरेट पीने वालों से 80 मीटर दूर रहें। एक सप्ताह में कम से कम 80 बार मुस्कुराएं। साल में कम से कम 80 बार अपने लाइफ पार्टनर के साथ सेक्स करें (शारीरिक संबंध बनाएं)। प्रतिदिन अपने आप को क्वालिटी के 80 मिनट दें। डायबिटीजइंडिया 2023 कॉन्फ्रेंस के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. भरत साबू ने कहा कि मैं सभी चिकित्सकों और सहभागियों का धन्यवाद देना चाहता चाहूंगा जिनके कारण यह 13वीं वर्ल्ड डायबिटीज कान्फ्रेंस को हम सफलतापूर्वक संपन्न कर पाए।