पुष्पेन्द्र वैद्य
सीधी। सीधी बस हादसे के पीछे सबसे बड़ी वजह लंबे वक्त से लगने वाला जाम है। इसी जाम से बचने के लिए बस चालक ने उस रास्ते का इस्तेमाल किया जो बेहद जोखिमभरा था। इस मार्ग पर महीने के 20 दिन जाम के हालात होते है। जाम के पीछे अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट का भारी यातायात और रिसासतकाली पतली सी सड़क है। पुलिस ने मंत्रियों के लिए जिस जाम को चुटकियों में खुलवा दिया शायद यदि इसी जाम को खुलवाने के लिए पुलिस पहले सक्रिय हो जाती तो यह हादसा नहीं होता।
दरअसल, सीधी-रीवा-सतना जिलों को जोड़ने के लिए जिस सड़क का इस्तेमाल करना पड़ता है वह रियासतकाल की बनी हुई है। पतली सी इस सड़क पर दो वाहनों का गुजरना भी बमुश्किल ही होता है। यह सड़क उस वक्त बनी थी जब यहाँ यातायात नही के बराबर था। धीरे-धीरे अब ट्रेफिक इतना ज्यादा बढ़ गया कि यहाँ से गुजरना किसी बड़े टॉस्क से कम नहीं है। यही सड़क छुहिया पहाड़ से होकर गुजरती है। छुहिया पहाड़ के इस रास्ते से गुजरना अपने आप में जान जोखिम में डालने जैसा है। एक तरफ सड़क तो दूसरी तरफ गहरी खाईयाँ है। यहाँ से थोडी ही दूरी पर अल्ट्राटेक सीमेंट का प्लांट है।
छुहिया पहाड़ पर पत्थरों की खदान से हर दिन पत्थर ले जाने वाली सैकड़ों ट्राले यहाँ से गुजरते हैं। प्लांट से सीमेंट और राख ले जाने वाले 50-50 फीट लंबे ट्राले भी इसी पहाड़ से आते जाते हैं। स्थानीय पत्रकार बिरेन्द्र पांडे के मुताबिक महीने में 20 दिन इस प्लांट की वजह से सड़क हर जाम के हालात बने रहते हैं। पुलिस और प्रशासन ने यहाँ के हालात को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। सीमेंट प्लांट के ट्रालों की वजह से छुहिया पहाड़ के खतरनाक रास्ते पर जानलेवा जाम लग जाता है। ट्रालों की लंबाई की वजह से टर्न नहीं ले पाते। वाहन चालक जाम देखकर उस वैकल्पिक रास्ते को इस्तेमाल करते हैं जो बाणसागर बाँध की गहरी नहर से होकर गुजरता है। यह रास्ता बेहद संकरा है। नहर पर बनी पुलिया और भी संकीर्ण है। शार्ट कट के कारण हादसे वाली बस के चालक ने भी ऐसा ही किया था और बस हादसे का शिकार हो गई।
मंत्रियों के लिए चंद मिनटों में खुल गया जाम
हादसे के बाद दोनों मंत्रियों के आने पर पुलिस प्रशासन ने मशक्कत कर चंद मिनटों मे जाम खुलवा दिया। यदि पुलिस प्रशासन सक्रियता दिखाकर पहले ही यह जाम खुलवा देता तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता।
7जनवरी को भी हो चुका है हादसा
इसी साल के पहले हफ्ते में 7 जनवरी को अल्ट्राटेक कंपनी की स्कूल बस पर गरम पत्थरों से भरा ट्रक गिर गया था। हादसे में 5 शिक्षकों की मौत हो गई थी।