जिन अज्ञात बुजुर्गो का नही कोई सहारा, उनके सहारा बने यश प्रेरणा पाराशर, शहर के आला आधिकारी, और अन्य वर्ग के लोग करते हैं निराश्रित आश्रम में मदद

Author Picture
By Suruchi ChircteyPublished On: March 14, 2023

इंदौर। हर बच्चे को अच्छे माता पिता तो मिल जाते हैं, लेकिन हर माता पिता को अच्छे बच्चे नहीं मिलते। जीवन के आखिरी पढ़ाव पर कई घर के बुजुर्ग साए निराश्रित हो जाते हैं, जिन मां बाप ने पूरे घर को संभाला उन्हें संभालने वाले कम हो जाते है। उनकी देखभाल लोगों को बोझ लगती है। ऐसे ही कई बेसहारा बुजुर्गो से शहर के आश्रम भरे पड़े हैं। बात शहर के पितृ पर्वत पर स्थित निराश्रित आश्रम की करी जाए, तो यहां ऐसे लोगों को आश्रय दिया जा रहा है, जो अज्ञात है, या उनका कोई नहीं है।

जिन अज्ञात बुजुर्गो का नही कोई सहारा, उनके सहारा बने यश प्रेरणा पाराशर, शहर के आला आधिकारी, और अन्य वर्ग के लोग करते हैं निराश्रित आश्रम में मदद

आश्रम के यश प्रेरणा पाराशर बताते हैं, कि ब्लड डोनेशन करने गया तो वहां एक बुजुर्ग महिला को भिक्षावृति करते देखा, इसके बाद उन्हें शहर के आश्रम ले गया तो सबने चलने फिरने में असक्षम होने के कारण, और घर का कोई व्यक्ति साथ नहीं होने से रखने से मना कर दिया, उसके बाद अपने घर लाने का प्लान बना लिया। उस दिन से निराश्रित लोगों को आश्रय देने का संकल्प लिया। वर्तमान में आश्रम में 42 वृद्ध लोगों की देखरेख की जा रही है।

शहर के कई दानदाता जुड़े है संस्था से

वह बताते हैं, कि शहर में वृद्धा आश्रम तो कई थे इसलिए मैंने निराश्रित आश्रम की शुरुआत की ताकि ऐसे अज्ञात लोगों का सहारा बनू। कुछ समय बाद घर किराए से लिया और शहर के ऐसे कई निराश्रित लोगों को यहां लाकर बसाना शुरू किया, इस बीच दोस्त संदीप शर्मा को पता चला फिर हम दोनों ने इस संकल्प को आगे बढ़ाया।जिन अज्ञात बुजुर्गो का नही कोई सहारा, उनके सहारा बने यश प्रेरणा पाराशर, शहर के आला आधिकारी, और अन्य वर्ग के लोग करते हैं निराश्रित आश्रम में मदद

बुजुर्गो खाना खिलाना, नहलाना और अन्य काम करते थे, उस टाइम जॉब करता था, तो समय कम मिल पाता था, इसके बाद केयर टेकर रखे इसके लिए शहर के कई लोग जुड़ते गए। कुछ समय बाद नगर निगम ने पितृ पर्वत स्थित एक बिल्डिंग हमें आश्रम चलाने के लिए मदद के रूप में दी। जिससे किराए की समस्या खत्म हो गई। वहीं शहर के मनीष निगम जी और श्याम सोनगरा जी इस मुहिम से जुड़े और शहर के कई लोग जुड़ते गए और आज निस्वार्थ सेवा भाव से मदद कर रहे हैं।

बीमार मरीज का खास खयाल रखा जाता है, अरविंदो अस्पताल में होता है फ्री इलाज

आश्रम में ऐसे कई बुजुर्ग सदस्य है जो चल फिर नहीं पाते हैं, उनका खास खयाल रखा जाता है, जिसके लिए 2 महिला और 2 पुरूष केयर टेकर है। वहीं इन बुजुर्गों में कई ऐसे हैं जो शुगर, पैरालिसिस, बीपी, और अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं, समय समय पर इन्हें दवाई और चेकअप करवाए जाते हैं। कई बार इमरजेंसी और गिर जाने से हड्डियों में फ्रैक्चर और अन्य समस्या आ जाती है, ऐसे में शहर के अरविंदो अस्पताल के मालिक डॉक्टर विनोद भंडारी जी हमेशा मदद को सामने आते हैं, ज्यादातर इलाज की फ्री मदद उनके द्वारा की जाती है।

शहर के कई अधिकारी और पुलिस अधिकारी करते हैं आर्थिक मदद

बुजुर्गों की मदद के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है जिसमें लोग अपनी स्वेच्छा से मदद करते हैं। इस ग्रुप में शहर के कई आधिकारी और समाजसेवी शामिल है। शहर के आला अधिकारियों ने टीवी, फ्रीज, पानी फिल्टर की मशीन, मंदिर निर्माण और अन्य मदद की है। 1998 के थाना प्रभारी के बेच द्वारा भी आर्थिक मदद की जाती है।आश्रम में बुजुर्गो को दो टाइम अच्छा भोजन, फल, दुग्ध, दलिया और अन्य चीजों का खयाल रखा जाता है। इसी के साथ आश्रम में कई कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है।