उज्जैन के महाकाल मंदिर में महा शिवरात्रि पर्व की शुरुआत 9 दिन पूर्व से हो जाती है. जिसे शिव नवरात्रि के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है.पर्व का आज तीसरा दिन था.बाबा का आज घटाटोप श्रृंगार किया गया.
शिव नवरात्रि के पहले दिन माता पार्वती और बाबा का चंदन रूप में श्रृंगार कर वस्त्र ओढ़ाये गए.दूसरे दिन बाबा ने शेष नाग धारण किया.आज तीसरे दिन महाकाल जटाओं को खोल निराकार से साकार रूप में आए और घटाटोप रूप में दर्शन दिए.साथ ही शिव पार्वती को कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड माल छत्र आदि भी अर्पित किए गए.कल चौथे दिन बाबा भक्तों को छबिना रूप में दर्शन देंगे.
क्या है घटाटोप श्रृंगार
घटाटोप श्रृंगार का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि बाबा महाकाल की जटाओं में तीन लोक समाहित हैं.सारी ऋतुएं, सारा संसार बाबा ने जटाओं में समाहित किया हुआ है.बाबा जाटओं को खोल भक्तों को दर्शन देते हैं. यह बाबा का नवरात्रि में आखिरी स्नान श्रृंगार माना गया है. चौथे दिन बाबा छबिना रूप में तैयार होकर भक्तों का मन मोहेंगे और उसके बाद लगातर 7 दिन होलकर, मनमहेश, उमा महेश, शिव तांडव, सप्तमधान और चंद्र रूप में दर्शन देंगे.
ज़्यादा शक्ति बंधन का कारण
पंडित आशीष गुरु ने बताया कि बाबा ने क़ल नाग धारण कर संदेश दिया था ज्यादा शक्ति बंधन का कारण है. आज बाबा ने घटाटोप रूप में जटाओं को खोल कर दर्शन दिए हैं.अब कल छबिना रूप में भक्तों को दर्शन देंगे. भक्त भी महाकाल के दर्शन के लिए लालायित हैं, बाबा आज निराकार से साकार रूप में आनंद और मनमोहक रूप में सबके सामने हैं.