उज्जैन सिंहस्थ-2028 के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके तहत इंदौर और उज्जैन के बीच वंदे भारत मेट्रो सेवा शुरू करने की योजना है। खास बात यह है कि यह ट्रेन मौजूदा रेलवे ट्रैक पर ही चलेगी और इसके लिए नया ट्रैक बिछाने की आवश्यकता नहीं होगी।
यह ट्रेन इंदौर और उज्जैन के बीच 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। विशेष बात यह है कि वंदे भारत मेट्रो इस रूट पर शटल सेवा के रूप में संचालित की जाएगी। उल्लेखनीय है कि रेलवे ने पहले ही इस मार्ग पर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैक का सफल ट्रायल पूरा कर लिया है।
स्पेशल कोच हो रहे तैयार
रेलवे सूत्रों के अनुसार, वंदे भारत मेट्रो ट्रेन में वर्ल्ड क्लास 12 कोच होंगे। इन कोचों को विशेष रूप से डिज़ाइन किया जा रहा है और इनमें मेट्रो जैसी सभी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। इस सेवा की शुरुआत पहली ट्रेन काशी से होगी, उसके बाद यह सुविधा इंदौर–उज्जैन मार्ग पर लागू की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, यह ट्रेन केवल 5 सेकेंड में 50 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार पकड़ सकती है।
रेलवे ने शुरू की व्यापक तैयारियाँ
इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि आगामी सिंहस्थ के दौरान यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे विभाग ने व्यापक तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इंदौर, उज्जैन और आसपास के स्टेशनों से 300 से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इसके तहत इंदौर और उज्जैन के बीच शटल सेवा के रूप में वंदे भारत मेट्रो भी चलाई जाएगी।
सांसद लालवानी ने बताया कि वंदे भारत मेट्रो मौजूदा रेलवे ट्रैक पर ही संचालित होगी। आमतौर पर मेट्रो सेवाओं के लिए अलग ट्रैक की आवश्यकता होती है, लेकिन इस मामले में नए ट्रैक बिछाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इंदौर और उज्जैन के बीच वंदे भारत मेट्रो का सफर लगभग 40 से 45 मिनट में पूरा होगा। यह ट्रेन एसी और नॉन-एसी कोचों सहित आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगी। उल्लेखनीय है कि इस रूट पर चलने वाली वंदे भारत मेट्रो को ‘नमो भारत ट्रेन’ के नाम से भी जाना जाएगा।









