आबिद कामदार
इंदौर : डबल ईएसएल(Double DSL) में नगर निगम द्वारा लगभग 8 हजार सेंट्रल रोड लाइट बदली गई है, बदली गई यह पुरानी 8 हजार लाइट कबाड़ के रूप में नगर निगम(Nagar Nigam) के गोडाउन में पड़ी है। सेंट्रल रोड, उद्यान और कॉलोनी से निकली गई इन लाइट के बॉक्स में से 60 प्रतिशत चालू है।
नगर निगम इन सभी लाइट को रियूज(Light Reuse) करने की प्लानिंग कर रहा है, इस पर कागजी खानापूर्ति होने के बाद इनमें से जो लाइट चालू होगी उनको ऐसी जगह पुनः इस्तेमाल कर लिया जाएगा जहां पर अंधेरा रहता है, या लाइट की आवश्यकता है। वहीं इनको ग्राम पंचायतों को भी दिया जा सकता है, इसी के साथ इनमें से जो पूरी तरह नष्ट हो गए है, ऐसी लाइट को नीलाम भी करने का मसौदा(Contract) नगर निगम तैयार कर रहा है। जल्द ही सारी लाइट को एकत्रित कर इस पर निर्णय लेगा।14 साल से लगे थे यह पुराने लाइट
लगभग 14 साल पहले यह लाइट शहर में लगाई गई थी, जिसमें अलग अलग वोल्टेज के हिसाब से यह लाइट है, जिसमें 500 वॉट, 250 वॉट की लाइट शामिल है, गार्डन और कॉलोनी में इस्तेमाल होने वाली 4 रॉड वाली 96 वॉट, 2 रॉड वाली 48 वॉट की लाइट शामिल है।
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चालू लाइट गांवो को करेगी जगमग, वहीं कबाड़ की होगी नीलामी
नई एलईडी(New LED) के एवज में निकाली गई यह सोडियम लाइट(Sodium Light) अब नगर निगम के गोडाउन में पड़ी है, इनमें से जो लाइट चालू होंगी उन्हें थोड़ी मरम्मत के बाद ग्राम पंचायत या शहर के अन्य स्थनों पर इस्तेमाल करने की मंशा नगर निगम बना रहा है, वहीं पूरी तरह से कबाड़ हो चुकी लाइट को निगम नीलाम(Auction) करने की प्लानिंग कर रहा है।
इस वजह से हटाई गई यह लाइट
लगभग 15 साल पहले इन लाइट को शहर के रोड की सेंटर और कॉलोनी में लगाया गया था, ज्यादा समय होने पर इनमें मेंटेनेंस काफी ज्यादा होता था, वहीं इन लाइट की एलईडी लाइट के मुकाबले काफी ज्यादा बिजली खपत होती थी। इन लाइट में बारिश के दिनों में पानी उतरने से भी काफी समस्या निगम के सामने आती थी।
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