इंदौर। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा है कि देश में आई टी के क्षेत्र में मध्यप्रदेश के सर्वाधिक बेहतर इको सिस्टम और उद्योग मित्र नीति के चलते मध्यप्रदेश 2025 तक आईटी क्षेत्र में पांच लाख नौकरी देने वाला राज्य बनेगा। श्री सखलेचा बुधवार को ब्रिलियंट कवेंशन सेंटर इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान आईटी और आईटीईएस सत्र में निवेशकों को मध्यप्रदेश के लिए निवेश करने की पुख्ता वजह बताते हुए संबोधित कर रहे थे। सत्र को आई टी के अपर सचिव भारत सरकार श्री भुवनेश कुमार और श्री निकुंज श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया।
मंत्री सखलेचा ने मध्यप्रदेश के परिदृश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मध्यप्रदेश प्रधानमंत्री जी की अपेक्षाओं के अनुरूप “डिजिटल इण्डिया मिशन” को साकार करने की दिशा में सबसे अग्रणी राज्यों में से एक है। प्रदेश में कॉस्ट-ऑफ़-लिविंग अपेक्षाकृत काफी काम हुआ है एवं विभिन्न श्रम अधिनियमों को सरलीकृत कर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत बेहतर एवं सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराया जा रहा है। आईटी मंत्री ने कहा कि विशेषत मध्यप्रदेश में दुकान और स्थापना अधिनियम के तहत चौबीसों घंटे कार्य की अनुमति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश शांति का टापू है और यहां महिला कर्मी सहित कार्य स्थल पर सुरक्षित वातावरण उपलब्ध है।
मंत्री सखलेचा ने कहा कि प्रदेश में आवश्यक इको सिस्टम तैयार कर मुख्य चार महानगरों में लगभग 6 लाख 50 हजार वर्गफिट में निर्माण के साथ कंपनियों को प्लग एण्ड प्ले सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके अतिरिक्त 5 लाख 40हजार वर्गफिट का निर्माण प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 4 आई.टी. सेज, 15 आई. टी. पार्कस, 50 आई.टी./आई. टी.ई.एस. की कंपनियों ने निर्यात किया है। प्रदेश में लगभग 200 इंजीनियरिंग कॉलेज, आईआईटी, आईआईटीएम आदि के माध्यम से लगभग 2 लाख प्रतिवर्ष इंजीनियर एवं अन्य प्रबंधन मानव संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
मंत्री सखलेचा ने कलस्टर आधारित उद्योगों में शोध और विकास की चर्चा करते हुए कहा कि ईएसडीएम. के क्षेत्र में प्रदेश में मुख्य दो महानगरों भोपाल तथा जबलपुर आई.टी. पार्क की लगभग 90 एकड़ से अधिक विकसित भूमि 100 कंपनियों को उपलब्ध कराई गई है और 400 एकड़ भूमि विकसित किए जाने का प्रस्ताव है। प्रदेश में लगभग 150 इलेक्ट्रोनिक्स मेन्युफेक्चुरिंग यूनिट स्थापित किये गए हैं ।
मंत्री सखलेचा ने प्रदेश को भूकंप के कम आशंका वाला क्षेत्र बताते हुए कंपनियों से कहा कि यहां व्यवसाय स्थापित करने की अपार संभावनाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कंपनियों को प्रोत्साहन स्वरुप कई प्रकार का अनुदान प्रदान किया जा रहा हैं। राज्य की आई.टी. पॉलिसी को और अधिक व्यावहारिक बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि आई.टी., आई.टी.ई.एस. एवं ई.एस.डी.एम. क्षेत्र में अब तक 649 से अधिक कम्पनियाँ स्थापित कर लगभग 50 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 213 से अधिक कंपनियों को लगभग 50 करोड़ का अनुदान उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने नव उद्यमियों से कहा कि अब तक प्राप्त सभी “इंटेंशन-टू-इन्वेस्ट” आवेदनों पर सकारात्मक विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्टेट डाटा सेंटर स्थापित किये जाने संबंधी नवीन विषयों पर भी कार्य किया जा रहा है।
इससे पहले भारत सरकार के एडिशनल सेकेट्री भुवनेश कुमार ने प्रधानमंत्री के विजन को उल्लेखित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में आई टी उद्योगों की संभावनाएं अन्य राज्यो के मुकाबले अधिक है। उन्होंने भोपाल, इंदौर, जबलपुर के अलावा सागर, विदिशा, छिंदवाड़ा जैसे जिलों को भी आई टी की अपार संभावनाओं वाला बताया। स्वागत भाषण में विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव ने मध्यप्रदेश को आई टी का इमर्जिंग हब बनाए जाने के लिए किए जा रहे अधोसंरचना विकास के कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने हाल ही में मध्यप्रदेश की विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा नवाचार नीति के प्रावधानों को बताते हुए निवेशकों से आईटी क्षेत्र में निवेश का आव्हान किया।
दूसरे सत्र में गंभीर रूप से निवेशकों और उद्यमियों के बीच परिचर्चा हुई। परिचर्चा में आई ईएसएके अनुराग अवस्थी, आईसेंचर के जाकिर पठान, यश टेकनोलाजी के संस्थापक कीर्ति बाहेती, टेक्सएस की सपना भांबानी और सी.एस. राव क्वॉडजैन ने भी भाग लिया। सभी ने मध्यप्रदेश के शानदार परिदृश्य और नीतियों की सराहना की।