इंदौर। झारखंड में जैन तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखरजी (Sammed Shikharji Tirth) को पर्यटन स्थल में बदलने का फैसला वापस लेने की मांग के लिए देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। जैन समाज के लोगों का कहना है कि वो झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ राष्ट्रपति भवन में ज्ञापन देंगे। इनका विरोध झारखंड सरकार द्वारा सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ है। इनका मानना है कि इससे सम्मेद शिखर को नुकसान होगा। साथ ही जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।
इन सबके बीच इंदौर के सांसद शंकर लालवानी (Indore MP Shankar Lalwani) ने झारखंड सरकार को एक पत्र लिखा है, जिसमे उन्होंने लिखा- झारखंड में श्री सम्मेद शिखरजी पवित्र भूमि है और देशभर के लोगों की आस्था एवं श्रद्धा के कई केंद्र यहां पर है। सनातन समाज की आस्था के ऐसे ही केंद्र पवित्र तीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी के विषय में आपका ध्यान में दिलाना चाहूंगा। श्री सम्मेद शिखरजी सिर्फ जैन समाज ही नहीं बल्कि करोड़ों सनातन धर्मावलियों की आस्था का केंद्र है।
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शंकर लालवानी ने आगे लिखा की, राज्य सरकार इसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना चाहती है, जिसे लेकर देशभर में आक्रोश है इस संदर्भ में केंद्र सरकार ने आपको दो पत्र लिखे हैं। मेरा आपसे अनुरोध है पवित्र तीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का फैसला अविलंब वापस ले नहीं तो मुझे रांची में आकर आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा धन्यवाद।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि, शनिवार को जैन समाज के पदाधिकारियों ने इंदौर के सांसद शंकर लालवानी से मुलाकात की और अपनी बात रखी। शंकर लालवानी ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि दिल्ली में कई बड़े नेताओं से उनकी बात हुई है और केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार को पत्र भी लिखा है, जिसमें जारी गजट नोटिफिकेशन मैं संशोधन की बात कही है और जल्दी ही पूरे मामले का निराकरण किया जाएगा।