इंदौर। मीजल्स एवं रूबेला मुक्त भारत अभियान के तहत ड्राप आउट बच्चों को 19 से 24 दिसंबर तक टीका लगाया जायेगा। इसके लिए करीब 300 टीकाकरण केन्द्र बनायें गये है एवं विभाग की टीम घर जाकर भी टीका लगायेगी। हर साल करीब 75000 बच्चों को टीका लगाया जाता है, 9 माह मे पहला डोज एवं 16 माह से द्वितीय डोज लगाया जाता है। यदि टीकाकरण का कवरेज 95 प्रतिशत है तो इसका मतलब बिमारी उन्मूलन की तरफ जा रही है। इस लिए प्रदेश सरकार टीकाकरण का कवरेज सभी जिलों में 95 प्रतिशत तक करना चाहती है।
इन्दौर में एम.आर-1 करीब 98 प्रतिशत बच्चों को लगाया जा रहा है, एम.आर.-2 में भी 98 प्रतिशत बच्चों को लग रहा है। एम.आर.-2 का कवरेज 95 प्रतिशत ले जाना है, इसलिए यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है। पहले चरण में 7000 ड्राप आउट बच्चों को टीका लगाया गया था, अब दुसरा चरण शुरू किया जा रहा है इसके लिए 1 दिसंबर से सर्वे प्रारंभ हो चूका है।
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यदि बच्चों को यह टीका नही लगाया जाये तो निमोनिया, लाल दाने, डायरिया, एनसेफेलाइटिस सहित कई गंभीर बिमारियां हो सकती हैं, यदि गर्भवती महिलाओं को यह बिमारी हो जाये तो बच्चे को कंजेनाईटल रूबेला सिन्ड्रोम हो सकता है, अगर किसी बच्चे को एम.आर. का पहला और दूसरा डोज नही लगा है तो 5 साल की उम्र तक दोनो टीके लगाये जा सकते है।