जानें कौन है एके शर्मा, आज करेंगे बीजेपी की सदस्यता ग्रहण, लड़ सकते हैं MLC चुनाव

Author Picture
By Akanksha JainPublished On: January 14, 2021

नई दिल्ली। गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा ने अब लखनऊ में बीजेपी का हाथ थाम लिया है। बता दे कि, यूपी के मऊ जिले के रहवासी अरविंद कुमार शर्मा का रिटायरमेंट साल 2022 था, लेकिन उन्होंने अचानक स्वैच्छिक सेवानिवृत्त लेकर सभी को चौका दिया है। वही अरविंद कुमार शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी विश्वसनीय अधिकारियों में से एक मानें जाते है।  यह भी माना जाता है कि बीजेपी उन्हें विधान परिषद भेज सकती है।

अरविंद कुमार शर्मा के बारे में कुछ खास बातें

आपको बता दे कि, अरविंद कुमार शर्मा 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने 2001 से लेकर 2013 तक गुजरात में नरेंद्र मोदी के साथ विभिन्न पदों पर काम किया है। वही जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनकर दिल्ली आए तो अरविंद शर्मा भी उनके साथ पीएमओ आ गए थे। मौजूदा समय में वो प्रधानमंत्री कार्यालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर थे।

पीएम नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद और खास अधिकारी रहे अरविंद कुमार शर्मा मूलरूप से यूपी के मऊ जिले में मुहम्मदाबाद गोहना तहसील के रानीपुर विकास खंड अंतर्गत काझाखुर्द गांव के रहने वाले हैं। इनका जन्म 11 अप्रैल 1962 में हुआ है, इसके पिता का नाम शिवमूर्ति राय और मां का नाम शांति देवी है। शर्मा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई स्थानीय प्राथमिक विद्यालय और मऊ के डीएवी इंटर कालेज से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी की।  जिसके बाद इन्होने स्नातक के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दाखिला भी लिया।

राजनीति में पहला कदम

अरविंद शर्मा ने 2013 में पदोन्नत कर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी संभाली थी। इसके बाद पीएम मोदी 2014 में दिल्ली की सत्ता पर असीन हुए तो उन्हें अपने साथ ले आए। वही जून 2014 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर एके शर्मा को प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसके बाद से अभी तक पीएमओ में थे। वीआरएस लेने के समय वो प्रधानमंत्री कार्यालय में अतिरिक्त सचिव थे।

कब करेंगे बीजेपी की सदस्यता ग्रहण

अरविंद कुमार शर्मा सेवानिवृत्त होने के बाद आज लखनऊ पहुंच रहे हैं और हो सकता है कि शर्मा दोपहर में ही बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ले। वही पीएमओ में उनकी पकड़ को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यूपी की सियासत में उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण होने जा रही है। साथ ही शर्मा की प्रशासनिक दक्षता का लाभ लेने के लिए उन्हें योगी मंत्रिमंडल में अहम दायित्व भी सौंपा जा सकता है।