अतुल शेठ। इंदौर में वर्तमान मास्टर प्लान 2021 अपना कार्यकाल पूरा कर चुका है। नए मास्टर प्लान की बातें होने लगी है, जो कि बहुत देर से हो रही है। वास्तव में शहर के मास्टर प्लान को बनाने में बहुत समय लगता है। और पिछला अनुभव यह बताता है कि 1975 का मास्टर प्लान जो 1990 मे ही पूरा हो गया था। उसके बाद मास्टर प्लान बनाने की कार्रवाई शुरू की।
1992 से लेकर 2005 के मध्य, दो बारा मास्टर प्लान बने और वह निरस्त हुए, किसी न किसी कारण से। और तीसरा मास्टर प्लान 2005-06 में बनकर शासन के पास गया और फिर 2008 से वो लागू हुआ। इस तरह इंदौर शहर 17-18 साल, बगैर मास्टर प्लान के रहा! और इस घटना से भी हमने कुछ सीखा नहीं। 2021 का मास्टर प्लान की अवधि पूरी होने के बाद आज हम बात करने को भी तैयार नहीं है, ना ही कोई सरकारी स्तर पर इसके बारे में गंभीरता से कोई कार्य हो रहा है। सिर्फ़ लोक लुभावनी बयानबाजी के।
मुझे लगता है कि आज भी अगर गंभीरता पूर्वक विचार कर काम करे, तो कम से कम डेढ़ साल से लेकर 3 साल तो योजना को बनाने में लगेंगे। और इंदौर की जनता तब तक बेतरतीब विकसित होता रहेगा, और व्यवहारिक विकास रुकेगा। किसी भी मास्टर प्लान को बनाने के लिये शुरूआत होती हे तो 1धारा 17- क ,में समिति का गठन होता है ।
जिसमें महापौर, पंचायतों के अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष, सांसद, विधायक, विकास प्राधिकरण अध्यक्ष, सभी जनपद अध्यक्ष, गांव के सरपंच ,7 विशेषज्ञ नामित शासन के द्वारा ,ज्वाइंट डायरेक्टर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग आदी होते हे। डिपार्टमेंट के राय बनती है। उसका गठन अभी तक नहीं हुआ है। जो शुरूआत मास्टर प्लान के कार्य की कर सके, अधिकारियों के मार्गदर्शन में ही कार्य होता है।
2 इसके बाद में, दूसरा जो काम होता है, वह यह है कि जो वर्तमान में विकास योजना 2021 लागू है, उसमें हुए कार्यों का और कीए गए प्रस्ताव की, एक रिपोर्ट सामने आना चाहिए, कि प्रस्ताव के अनुसार कितनी भूमि का विकास हुआ है और कितने में प्रस्ताव के विपरीत विकास हुआ है। विकास को मानचित्र में लाया जाना चाहिए, प्रतिशत के साथ में ।जिससे कि आगे क्या काम करना है यह आम जनता और समिति को मालूम हो। ओर इसकै बाद मूल कार्य शुरू होता है। अभी तो उपरोक्त कदम ही नही हुए हे।
इंदौर शहर को हम सब मिलकर जल्द से जल्द नया मास्टर प्लान दे पाना, वास्तव में एक बड़ी उपलब्धि होगी । इसी शासन के कार्यकाल में विकास योजना 2023 देना बहुत बड़ी उपलब्धि शहर और शासन की होगी। अभी भी वक्त है गंभीरतापूर्वक प्रयास करने के इस बारे में। मुख्यमंत्रीके सपने के शहर को धरातल पे लाने का।