इंदौर : भू माफिया अरुण डागरिया को इंदौर अपर सत्र न्यायाधीश पी सी आर्य ने बड़ा झटका दिया है. न्यायाधीश आर्य ने शनिवार को डगरिया की जमानत याचिका निरस्त कर दी है. न्यायाधीश आर्य ने कहा कि मकान-प्लॉट के चक्कर में लोगों को विश्वास में लेना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. डगरिया को लेकर उन्होंने कहा कि, अनेक लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई है. कई लोगों से रुपये वसूले गए हैं. प्लाट दिलानेके लालच में रूपए बटोर लेना कोई साधारण कृत्य की श्रेणी में नहीं आता है.
आपको जानकारी के लिए बता दें कि भू-माफिया अरुण डागरिया पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. धोखाधड़ी, छल और कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर लोगों को धोखा देने में अरुण माहिर है. उस पर इसके चलते 6 आपराधिक केस शहर के अलग-अलग थानों में दर्ज है.
बता दें कि अरुण के ख़िलाफ़ फरियादी पारस जैन व अन्य 10 लोगों ने लसूड़िया थाना में शिकायत दर्ज कराई थी, शिकायत में यह बात सामने निकलर आई कि अरुण डागरिया ने ग्राम केलोंद हाला में सैटेलाइट जंक्शन के नाम से सर्व सुविधा युक्त टाउनशिप के निर्माण का लोगों को झांसा दया था. लोगों को अपने विश्वास में लेने के लिए उसने प्लाट के पैसे लेकर रसीद दी थी. कई प्लॉट्स की रजिस्ट्री भी की गई. लेकिन जांच में सामने निकलर आया कि जिस जगह पर वह लोगों को झांसे में लेकर उनके आशियाने बनाने का ख्वाब दिखा रहा था, असल में वह तो खेती हो रही है. पुलिस ने फरियादी पारस जैन व अन्य 10 लोगों की शिकायत पर सेटेलाइट इंफ्रा एंड रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अरुण डागरीया और अतुल सुराना के ख़िलाफ़ धारा 420 और 406 के तहत केस दर्ज किया था. बता दें कि फिलहाल अरुण का सहयोगी अतुल सुराना फरार चल रहा है.