नई दिल्ली : कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक बार फिर केंद्र सरकार को नए कृषि कानूनों को लेकर घेरा है. रणदीप ने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि सरकार जब 14 संशोधनों के लिए तैयार है, तो फिर इन नए कानूनों को वापस ही क्यों नहीं ले लेती. किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि किसान अपनी आजीविका के लिए लड़ रहे हैं. किसानों की लड़ाई सिर्फ 62 करोड़ ग्रामीण जनता की लड़ाई नहीं है, बल्कि ये संघर्ष उन 120 करोड़ लोगों का है, जो किसानों के अनाज पर अपनी ज़िंदगी गुजार पाते हैं.
सरकार पर बरसते हुए सुरजेवाला ने कहा कि किसान आंदोलन को राजनीतिक कहना अन्नदाता का अपमान है. अगर केंद्र सरकार 14 संशोधन करने के लिए राजी हो चुकी है तो फिर इन कानूनों को रद्द ही क्यों नहीं कर दिया जाता. सरकार पर हमला जारी रखते हुए रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार को किसानों को टरकाना और उनसे टकराना बंद करना चाहिए.
कृषि कानूनों को लेकर सुरजूला सरकार पर लगातार हमलावर दिखें. उन्होंने कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौर में रात के अंधेरे में सर्कार ये काले कानून क्यों लेकर आई. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या सरकार ने इसके लिए पहले किसी किसान संगठन या किसी राजनीतिक दल से चर्चा की थी.
किसान आंदोलन में कुछ असामाजिक तत्वों की तस्वीरें नज़र आने को लेकर रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार ऐसा कहकर किसानों का अपमान कर रही है. बीजेपी को पहले ये तय करना चाहिए कि वह किसानों की कैसी छवि पेश करना चाहती है. बता दें कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ 26 नवंबर से पंजाबा और हरियाणा एके किसानों का आंदोलन जारी है. किसानों ने अपने प्रदर्शन में रफ़्तार करते हुए आज से दिल्ली-जयपुर हाईवे पर भी चक्काजाम कर दिया है.