केजरीवाल का बड़ा खुलासा, बोले- स्टेडियम को जेल बनाने के लिए मुझ पर दबाव डाला गया

Akanksha
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arvind kejrival

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के अनुसार अभी केंद्र सरकार उनसे काफी नाराज चल रही है। दरअसल, नाराजगी की वजह है कि,
दिल्ली आए किसानों को बंद करने के लिए दिल्ली के स्टेडियमों को जेल बनाने की इजाजत न देना। साथ ही सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से मांग की है कि एमएसपी की गारंटी को कानून में डाला जाए।

सीएम केजरीवाल ने कहा कि, “जब से मैंने दिल्ली के 9 स्टेडियम को जेल बनाने से रोका है, तब से केंद्र की भाजपा सरकार मुझसे ज्यादा नाराज है। दिल्ली आने पर किसानों को इन स्टेडियमों में डालने की योजना थी। लेकिन हमने यह इजाजत नहीं दी। मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि किसानों की सभी मांगे मानी जाएं और एमएसपी की गारंटी को कानून में डाला जाए।”

उन्होंने आगे कहा कि, “पूरा देश देख रहा है कि देश का किसान ठंड की रात में आसमान के नीचे सो रहा है। कोई भी देशभक्त यह देखकर चैन की नींद नहीं सो सकता है। यह लड़ाई सिर्फ किसान भाइयों की नहीं है, बल्कि हम सब की लड़ाई है। जरा सोचिए, जो दो वक्त की रोटी हम खाते हैं, वह हमारे किसानों की मेहनत की उगाई हुई होती है। हम सब को इस लड़ाई में अपने किसानों का साथ देना है।”

वही बुधवार को केजरीवाल ने कहा कि, “मुझे पता है कि स्टेडियम को जेल बनाने के लिए मुझ पर काफी दबाव आया था। किस-किस के फोन नहीं आए थे, लेकिन जिंदगी में कुछ मौके ऐसे भी आते हैं, जब आप अपने जमीर की सुनते हैं, नतीजे की परवाह नहीं करते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि, “अभी कुछ दिन पहले पंजाब के एक किसान सरदार कुलवंत सिंह दिल्ली की सरहद पर बैठे हुए थे और खबर आई कि उनका 22 साल का जवान बेटा सुखवीर सिंह बॉर्डर पर देश के लिए शहीद हो गया। इस सबके बीच जब कुछ लोग आए दिन किसानों को आतंकवादी बुलाते हैं, देशद्रोही कहते हैं, तो मैं सोचता हूं कि बॉर्डर पर इन जवानों पर क्या बीतती होगी, जिनके किसान मां- बाप को आतंकवादी कहा जा रहा है। आज हम सबको भी तय करना होगा कि हम देश के किसानों के साथ हैं या उन्हें आतंकवादी कहने वालों के साथ हैं।”

सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपील कर कहा कि, “मेरी सभी से अपील है कि किसानों का साथ दें। मेरी सभी आम आदमी पार्टी के लोगों से अपील है कि कोई राजनीति नहीं करनी है। सभी पार्टियों के लोगों के साथ मिलके भारतीय बन कर किसानों की सेवा करनी है।”