नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण अब और तेजी से रहा है। जिसके चलते अब आशंका है कि, अगले साल जनवरी-फरवरी में कर्नाटक में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आ सकती है। दरअसल, कर्नाटक में कोविड-19 के लिए बनी तकनीकी परामर्श समिति (टीएसी) ने कहा है कि प्रदेश में जनवरी-फरवरी 2021 में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर आने की आशंका है। 24 नवंबर को हुई टीएसी ने की 53वीं बैठक में हुई चर्चा के आधार पर कर्नाटक में कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए पहचान और निरोधात्मक उपायों को लेकर परामर्श जारी किया।
बता दे कि, समिति ने जनवरी के पहले हफ्ते से सरकारी और निजी अस्पतालों में नैदानिक सुविधाओं को बिस्तरों, आईसीयू, वेंटिलेटर आदि के लिहाज से अक्टूबर के स्तर की तरह ही तैयार रहने (जब रोज 10 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे थे) को कहा है। वही, समिति ने कहा कि, या फिर ऐसी व्यवस्था हो कि निर्देश मिलने पर अधिकतम 2-3 दिन में इन सुविधाओं को बढ़ाया जा सके।
साथ ही समिति ने 26 दिसंबर से एक जनवरी तक नए साल के सार्वजनिक जश्न पर भी प्रतिबंध की गुजारिश की है। साथ ही इस दौरान रात्रि कर्फ्यू (रात आठ से सुबह पांच बजे तक) लगाने को भी कहा है। वही, टीएसी के अनुसार, जिला और राज्य स्तर पर महामारी की सात दिनों की औसत वृद्धि दर व पुनरुत्पादन संख्या पर नजर रखकर दूसरी लहर का जल्द पता लगाया जा सकता है।
वही, स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बताया कि, तकनीकी परामर्श समिति की सिफारिशों को लेकर सरकार के स्तर पर एक बैठक की जाएगी। सुधाकर ने कहा कि, ‘हमारी संक्रमण दर 1.2 फीसदी से कम है। टीएसी की रिपोर्ट कहती है कि कोरोना महामारी की एक दूसरी लहर आ सकती है। अगले कुछ दिनों में इस संदर्भ में एक बैठक होगी।’
उन्होंने आगे कहा कि, इस बैठक में जो बात निकलकर सामने आएगी उस पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की जाएगी और इसके बाद ही अंतिम फैसला किया जाएगा। साथ ही राज्य में रात्रि कर्फ्यू लगाने के सवाल पर सुधाकर ने कहा कि, कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि, तकनीकी परामर्श समिति की ओर से की गई सिफारिशों को लेकर अभी बैठक होनी है।